PM मोदी ने G20 शिखर सम्मेलन को संबोधित किया, (फोटो साभार: X@narendramodi)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में G-20 शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। संबोधन में उन्होंने समावेशी विकास, जलवायु, एआई, सतत विकास और वैश्विक शासन सुधार पर भारत का नजरिया पेश किया। बता दें, कि G-20 प्रोटोकॉल के मुताबिक भाषण प्रसारित नहीं होगा, इसलिए G-20 के आधिकारिक वीडियो फीड की आवाज बंद कर दी गई।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, कि कई दशकों से G20 दुनिया की अर्थव्यवस्था को आकार देता रहा है, लेकिन वर्तमान विकास मॉडल ने बड़े समुदायों को संसाधनों से वंचित किया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, कि इन मॉडलों ने प्रकृति का अंधाधुंध दोहन बढ़ाया है और सबसे अधिक असर अफ्रीका और ग्लोबल साउथ पर पड़ा है। प्रधानमंत्री मोदी ने भविष्य की राह दिखाने वाले तीन बड़े वैश्विक कदम पेश किए।
I proposed a few actionables to realise our dream of all-round growth. First among them is the creation of a G20 Global Traditional Knowledge Repository. India has a rich history in this regard. This will help us pass on our collective wisdom to further good health and wellbeing.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 22, 2025
- ग्लोबल ट्रेडिशनल नॉलेज रिपॉजिटरी- दुनियाभर की पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों को एक मंच पर लाने और उन्हें सुरक्षित, संरक्षित और उपयोगी बनाने का प्रयास।
- G20-अफ्रीका स्किल्स मल्टीप्लायर इनिशिएटिव-युवाओं के कौशल विकास को तेज कर अफ्रीका में रोजगार और नवाचार के नए अवसर तैयार करना।
- ड्रग-आंतक नेटवर्क से निपटने के लिए जी20 पहल -नशे के कारोबार और आतंकवाद के बीच गहरे संबंध को काटने के लिए संयुक्त वैश्विक प्रयास। पीएम मोदी ने कहा कि यह पहल वित्तीय प्रवाहों पर नकेल डालेगी, तस्करी नेटवर्क तोड़ेगी और आतंक के आर्थिक स्रोतों को कमजोर करेगी।
पीएम मोदी ने जोर देकर कहा, कि दुनिया को ऐसा विकास मॉडल चाहिए, जो प्रकृति से संतुलन रखे और हर क्षेत्र, खासकर अफ्रीका जैसे उभरते महाद्वीप, को बराबर अवसर दे। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई पोस्ट की है। उन्होंने लिखा, कि पहला सत्र समावेशी और टिकाऊ विकास पर केंद्रित था।
प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, “अफ्रीका पहली बार G-20 समिट होस्ट कर रहा है, इसलिए अब हमारे लिए अपने डेवलपमेंट पैरामीटर्स पर फिर से सोचने और ऐसी ग्रोथ पर फोकस करने का सही समय है, जो इनक्लूसिव और सस्टेनेबल हो। भारत के सभ्यागत मूल्य खासकर ‘एकात्म मानववाद’ का सिद्धांत हमें आगे बढ़ने का रास्ता दिखाते हैं।”
पीएम मोदी ने बैठक में G-20 ग्लोबल हेल्थकेयर रिस्पॉन्स टीम बनाने का प्रस्ताव रखा है। प्रधानमंत्री ने लिखा, “स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं का सामना करते समय, हम साथ मिलकर काम करें, तो ज्यादा मजबूत होते हैं। हमारी कोशिश यह होनी चाहिए, कि G-20 देशों के प्रशिक्षित चिकित्सा विशेषज्ञों की ऐसी टीमें बनाई जाएँ, जिन्हें किसी भी आपात स्थिति में तुरंत तैनात किया जा सके।”
प्रधानमंत्री ने एक्स पोस्ट पर लिखा, “ड्रग तस्करी की चुनौती से निपटने के लिए, खासकर फेंटानिल जैसे बेहद खतरनाक ड्रग्स के फैलाव को रोकने के लिए, भारत ने ‘ड्रग–टेरर नेक्सस’ का मुकाबला करने के लिए G-20 पहल का प्रस्ताव रखा है। आइए, हम मिलकर इस घिनौनी ड्रग–आतंक की अर्थव्यवस्था को कमजोर करें।”
बता दें, कि पीएम मोदी शुक्रवार को दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग पहुंचे थे, जहां वे 21 से 23 नवंबर तक आयोजित G-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे है। दक्षिण अफ्रीका में आयोजित इस सम्मेलन के दौरान PM मोदी ने कई वैश्विक नेताओं से भेंट की है और कई नेताओं के साथ उनकी द्विपक्षीय वार्ता भी होनी है।
गौरतलब है, कि इस बार अमेरिका की गैरमौजूदगी में पहली बार वैश्विक नेताओं ने G-20 के घोषणा पत्र पर मुहर लगाई है। वहीं अमेरिका द्वारा दूतावास के एकमात्र अधिकारी को अध्यक्षता हस्तांतरण समारोह में भेजने को दक्षिण अफ्रीका ने अपमानजनक बताया है। दक्षिण अफ्रीका ने कहा है, कि अमेरिका उसपर दबाव डाल रहा है, कि सम्मेलन की अंतिम घोषणा को कमजोर किया जाए या इसे केवल मेजबान देश का बयान बनाया जाए।

