
सांकेतिक चित्र (फोटो साभार: freepik.com)
आतंकियों की शरणस्थली पाकिस्तान में एक के बाद एक आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया जा रहा है। इसी क्रम में पाकिस्तान के सिंध प्रांत स्थित मतली फालकारा चौक के नजदीक लश्कर-ए-तैयबा के कुख्यात आतंकी रजुल्लाह निजामनी उर्फ अबू सैफुल्लाह उर्फ सैफुल्लाह खालिद की अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी है। बताया जा रहा है, कि रजाउल्ला को पाकिस्तान सरकार ने सुरक्षा भी मुहैया कराई हुई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सैफुल्लाह भारत में कई बड़े आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड था। रजुल्लाह वर्ष 2006 में नागपुर के आरएसएस मुख्यालय, 2001 में रामपुर के सीआरपीएफ कैंप और 2005 में बेंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान पर हुए हमलों में शामिल था। इन हमलों में कई निर्दोष मारे गए थे।
रिपोर्ट्स के अनुसार, सैफुल्लाह एक लंबे वक्त तक नेपाल में फर्जी पहचान के साथ छिपकर रह रहा था और अपनी आतंकी गतिविधियों को संचालित कर रहा था। भारतीय खुफिया एजेंसियों को सैउल्लाह के नेपाल में छिपे होने की जानकारी हुई, तो वह भागकर पाकिस्तान चला गया। इसके बाद उसने सिंध प्रांत के मतली इलाके में अपना ठिकाना बना लिया था।
सैफुल्लाह लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा के लिए फंड जुटाने का काम कर रहा था। सैफुल्ला लश्कर के ऑपरेशनल कमांडर आजम चीमा उर्फ बाबाजी और याकूब के साथ मिलकर अपने नापाक मंसूबों को अंजाम दे रहा था। भारत की मोस्ट वांटेड आतंकी की सूची में शामिल सैफुल्लाह की मौत से पाकिस्तान से संचालित आतंकी नेटवर्क को तगड़ा झटका लगा है।