
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, (फाइल फोटो साभार : इंडिया टीवी)
देश में बड़े पैमाने में होने वाली सड़क दुर्घटनाएं एक गंभीर समस्या का रूप धारण कर चुकी हैं, जिससे प्रत्येक वर्ष लाखों नागरिक और उनसे जुड़े परिवार प्रभावित होते हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भी यह बात कई मंचो से कह चुके है, कि भारत में युद्ध, आतंकवाद और नक्सलवाद से भी अधिक लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में होती है।
गौरतलब है, कि देश के हर शहर-कस्बे में प्रतिदिन कोई न कोई सड़क हादसे की खबर आती रहती है। दुर्घटना के बाद घटनास्थल पर मौजूद लोग अथवा पुलिसकर्मी घायल को अस्पताल तो पहुंचा देते हैं, किन्तु असली समस्या अस्पताल पहुंचने के बाद तत्काल इलाज के खर्चे की होती है। अब इसी क्रम में सड़क हादसों में घायल लोगों और उनके परिजनों को मोदी सरकार ने बड़ी राहत देने का ऐलान किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पूरे देश में सड़क दुर्घटना में घायल लोगों के लिए कैशलेस इलाज की स्कीम शुरू कर दी है। सड़क हादसे में घायल हुए लोगों के उपचार के मद्देनजर केंद्र सरकार ने 1.50 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की व्यवस्था की है। इमरजेंसी केयर की दिशा में उल्लेखनीय कदम उठाते हुए मोदी सरकार सड़क दुर्घटना के घायलों के इलाज के लिए सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में व्यवस्था करेगी।
Centre Rolls Out ₹1.5 Lakh Cashless Treatment Scheme for Road Accident Victims
Key Highlights:
– Applicable across India
– Valid for 7 days from the date of accident
– Treatment at any designated hospital
– Covers up to ₹1.5 lakh per victim pic.twitter.com/8KzkX9K8qg
— The Indian Index (@Indian_Index) May 6, 2025
‘कैशलेस ट्रीटमेंट ऑफ रोड एक्सीडेंट विक्टिम्स स्कीम, 2025’ के अंतर्गत केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने व्यवस्था की है, कि इलाज के समय पीड़ितों को किसी भी प्रकार की कागजी कार्यवाही में नहीं उलझना पड़ेगा। पीड़ित को योजना का लाभ दिलाने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) की होगी, जो पुलिस, अस्पताल और संबंधित राज्य के स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय करेगा।
बता दें, कि देश में होने वाली सड़क दुर्घटना में अधिकतर 25 से 35 वर्ष तक की उम्र के युवा शिकार होते हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार वर्ष 2022 में कुल 7,00,688 दुर्घटनाएं रिपोर्ट की गईं, जिनमें 4,22,444 लोगों की मृत्यु हुई और 4,28,435 लोग घायल हुए। इनमें 46 फीसदी असामयिक मृत्यु यातायात हादसों में हुई हैं।