आंध्र प्रदेश के वेंकटेश्वर मंदिर में भगदड़ से बड़ा हादसा, (फोटो साभार : DNA)
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में स्थित वेंकटेश्वर मंदिर में एकादशी के मौके पर भगदड़ मचने से दर्दनाक हादसा हो गया।
इस भगदड़ में 9 लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई लोग घायल हुए हैं। मृतकों में 8 महिलाएं और एक बच्चा शामिल है। जिन महिलाओं की मौत हुई है, उनकी उम्र 35 से 40 साल के बीच बताई जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए 2-2 लाख रुपए की सहायता राशि देने का ऐलान किया है। पीएम मोदी ने कहा, “आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम स्थित वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में हुई भगदड़ से बहुत दुःख हुआ। मेरी संवेदनाएँ उन लोगों के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। मैं प्रार्थना करता हूँ कि घायल जल्द स्वस्थ हो जाएँ।”
Pained by the stampede in Venkateswara Swamy Temple in Srikakulam, Andhra Pradesh. My thoughts are with those who have lost their near and dear ones. I pray that the injured recover soon.
An ex-gratia of Rs. 2 lakh each from PMNRF would be given to the next of kin of those who…
— PMO India (@PMOIndia) November 1, 2025
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शनिवार (1 नवंबर, 2025) सुबह आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के कासिबुग्गा स्थित वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में एकादशी व्रत के उपलक्ष्य में भक्तों की भारी भीड़ मंदिर पहुंची। आंध्र प्रदेश के काशीबुग्गा उपमंडल प्रभारी डीएसपी लक्ष्मण राव ने बताया, कि वेंकटेश्वर मंदिर में भगदड़ सुबह साढ़े ग्यारह बजे के आसपास हुई।
मंदिर प्रबंधन द्वारा आयोजित विशेष पूजा के दौरान संकरी सीढ़ियों पर अफरा-तफरी मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया, कि मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा थी। अचानक धक्का-मुक्की शुरू होने से रेलिंग टूट गई, जिसके बाद भगदड़ मच गई। मौके पर चीख-पुकार मच गई और लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरते चले गए।
पुलिस अधीक्षक (SP) के.वी. महेश्वर रेड्डी ने बताया, कि हादसे के लिए मंदिर प्रबंधन की लापरवाही को जिम्मेदार माना जा रहा है। इस सिलसिले में मंदिर प्रशासक हरिमुकुंद पांडा के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या (IPC धारा 304) के तहत मामला दर्ज किया गया है। साथ ही राज्य सरकार ने घटना की जांँच के आदेश दे दिए है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, काशीबुग्गा का वेंकटेश्वर मंदिर एक प्राइवेट मंदिर है और धर्मस्व विभाग के अधीन है। प्रत्येक शनिवार को इस मंदिर में 1500 से लेकर 2000 तक श्रद्धालुओं का आना सामान्य बात है, लेकिन शनिवार को एकादशी और कार्तिक मास के अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मंदिर में एकत्र हो गई और अचानक भगदड़ मचने से यह हादसा हो गया।

