रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी, (फोटो साभार : livelaw & NDTV)
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को रोहिंग्या शरणार्थियों से जुड़े एक मामले में अहम सुनवाई की। कुछ रोहिंग्याओं के हिरासत में गायब होने (कस्टोडियल डिसअपीयरेंस) को लेकर दायर याचिका की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने कड़ा रुख अपनाया। साथ ही याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए, केंद्र सरकार को नोटिस जारी करने से भी साफ इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (2 दिसंबर 2025) को एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सख्त टिप्पणी करते हुए कहा- “जो अवैध रूप से देश में घुसते हैं, उनके लिए हम रेड कार्पेट तो नहीं बिछा सकते।” सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा, “आप जानते हैं वे घुसपैठिए हैं। भारत के उत्तरी बॉर्डर बहुत संवेदनशील हैं। आप जानते हैं कि देश में क्या हो रहा है।”
Supreme Court has adjourned a PIL (public interest litigation) plea that sought directions with regard to the custodial disappearance of five Rohingya refugees to December 16 on which other matters in relation to Rohingyas are listed.
The Supreme Court, however, refused to…
— ANI (@ANI) December 2, 2025
कोर्ट ने स्पष्ट कहा, “अगर कोई यहां गैरकानूनी ढंग से आया है, तब भी आप उनके लिए रेड कार्पेट चाहते हैं। वे सुरंगों के जरिए घुसते हैं और फिर आपके खाने, निवास के अधिकारी, बच्चों की शिक्षा, आदि के अधिकारी हो जाते हैं। क्या हम कानून का दायरा इस तरह खींचना चाहते हैं? ऐसे मामलों में बंदी प्रत्यक्षीकरण (हीबस कॉर्पस) जैसी मांगें करना काफी काल्पनिक बात है।”
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा, कि देश में पहले से करोड़ों गरीब नागरिक हैं, जिन पर ध्यान देना जरूरी है। दरअसल 16 दिसंबर को रोहिंग्या शरणार्थियों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। इसी बीच सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई, जिसमें पांच गुमशुदा रोहिंग्या शरणार्थियों के मामले पर भी 16 दिसंबर को सुनवाई की मांग की गई थी।
गौरतलब है, कि अवैध घुसपैठिये रोहिंग्या का मुद्दा पिछले कई सालों से चर्चाओं में बना हुआ है। केंद्र सरकार कई बार चेतावनी दे चुकी है, कि “रोहिंग्या भारतीय नागरिक नहीं हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।” वर्ष 2017 में भी सुप्रीम कोर्ट ने उनके निर्वासन पर रोक लगाने से इंकार किया था। वर्तमान में देशभर में करीब 40,000 रोहिंग्या घुसपैठिये अवैध रूप से रह रहे हैं।

