
(सांकेतिक चित्र)
देश की सभी एयरलाइन को बोइंग 787 और 737 विमानों में फ्यूल कंट्रोल स्विच सिस्टम की जाँच करनी होगी। यह निर्देश नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने जारी किये हैं। यह जांच 21 जुलाई तक अनिवार्य रूप से पूरी करनी होगी। डीजीसीए ने कहा है, कि यह कदम यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
दरअसल, यह निर्णय 12 जून को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया प्लेन दुर्घटना पर जारी एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टीगेशन ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद लिया गया है। डीजीसीए ने एयरलाइन कंपनियों से बोइंग 787, 737 विमानों की फ्यूल स्विच लॉकिंग प्रणाली की जांच करने को कहा है। बता दें, कि ये एयरक्राफ्ट विशेष तौर पर एयर इंडिया, इंडिगो और स्पाइसजेट की एयरलाइन्स के पास हैं।
डीजीसीए ने सभी एयरलाइनों को स्पष्ट निर्देश दिए है, कि वे अपने बोइंग 787 और 737 बेड़े के सभी विमानों की तकनीकी जांच करें और रिपोर्ट सौंपें। अगर किसी विमान में खराबी पाई जाती है तो उसे तुरंत सुधारना होगा, तब तक वह विमान उड़ान के लिए नहीं चलाया जा सकेगा।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन विमानों के ईंधन स्विच लॉकिंग सिस्टम में तकनीकी खामी सामने आई है, जिससे सुरक्षा को खतरा हो सकता है। कुछ विदेशी एयरलाइंस जैसे एमिरेट्स पहले ही अपने बोइंग विमानों में सुरक्षा जांच शुरू कर चुकी हैं। यह स्विच लॉकिंग सिस्टम विमान के इंजन में ईंधन की सप्लाई को नियंत्रित करता है, अगर इसमें कोई गड़बड़ी हो जाए तो इंजन बंद हो सकता है।
बता दें, कि एअर इंडिया की फ्लाइट एआई 171, अहमदाबाद से लंदन जा रही थी, जो उड़ान भरने के तुरंत बाद एक इमारत से टकरा गई। इस दर्दनाक हादसे में 260 लोगों की मौत हो गई, जबकि सिर्फ एक शख्स जीवित बचा था। AAIB की रिपोर्ट में सामने आया, कि विमान के दोनों इंजनों में फ्यूल कंट्रोल स्विच ‘रन’ से ‘कटऑफ’ स्थिति में चले गए थे। इसे भी हादसे का प्रमुख कारण माना गया है।