
देश का पहला पूर्ण साक्षर राज्य बना मिजोरम, (फोटो साभार: X/@CMOMizoram)
मिजोरम ने शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए भारत का पहला पूर्ण साक्षर राज्य बनने का गौरव प्राप्त किया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बीते मंगलवार को मुख्यमंत्री लालदुहोमा की उपस्थिति में इसकी घोषणा करते हुए उन्हें इस उपलब्धि के लिए प्रमाण पत्र भी सौंपा है।
मंगलवार (20 मई 2025) को मिज़ोरम विश्वविद्यालय (MZU) में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने इसका ऐलान करते हुए कहा, “अब हमें डिजिटल साक्षरता, फाइनेंशियल साक्षरता और इंटरप्रेन्योर स्किल्स की ओर आगे बढ़ना होगा। ताकि मिजोरम समाज के सभी लोग सक्षम बन सकें।”
CM Pu @Lal_Duhoma today declared Mizoram as the first fully literate state under the ULLAS initiative at a special event in MZU Auditorium. “This is a historic and transformational milestone for our people,” he said.#ULLAS #Mizoram #LiteracyMission #EducationForAll pic.twitter.com/kXBSDyni2Z
— CM Office Mizoram (@CMOMizoram) May 20, 2025
केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने मंगलवार को बताया, कि भारत में शिक्षा के क्षेत्र में मिजोरम ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। मिजोरम को देश का पहला पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया गया है। यानी राज्य का हर 15 वर्ष से अधिक आयु वाला व्यक्ति पढ़ना-लिखना जानता है। इसका श्रेय केंद्र सरकार की योजना नवभारत साक्षरता कार्यक्रम (ULLAS) को जाता है।
गौरतलब है, कि वर्ष 2011 की जनगणना में मिजोरम की साक्षरता दर 91.33 फीसदी थी, जो देश में तीसरे स्थान पर थी। ULLAS योजना के तहत 2023 में पूरे प्रदेश में सर्वे किया गया। इसमें 3,026 निरक्षर लोगों की पहचान की गई, जिनमें से 1,692 लोगों ने रोजाना पढ़ाई शुरू की। इसके बाद अब पूरा राज्य पढ़ने-लिखने में सक्षम हो गया है।
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2011 में हुई जनगणना में देश की साक्षरता दर 79.04 प्रतिशत थी। हालांकि इस लक्ष्य का हासिल करने की धीमी रफ्तार को देखते हुए मंत्रालय ने वर्ष जुलाई 2023 में उल्लास नाम से एक नव साक्षरता मिशन कार्यक्रम की घोषणा की थी। जिसमें जहां साक्षरता के नए मानक तय किए गए, वहीं राज्यों को इस अभियान में तेजी से आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित भी किया गया।
बता दें, कि इससे पहले केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख भी 2024 में पूर्ण साक्षरता लक्ष्य को हासिल कर चुका है। नव साक्षरता मिशन के तहत 97 प्रतिशत साक्षरता हासिल करने पर किसी भी राज्य को पूर्ण साक्षर घोषित कर दिया जाता है।