
विदेश मंत्री एस. जयशंकर (फोटो साभार: NDTV) फाइल चित्र
रूस से तेल खरीदने को लेकर भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने अहम टिप्पणियाँ की है। अमेरिका द्वारा लगाए टैरिफ पर भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, “इसे तेल का मुद्दा बताया जाता है, लेकिन चीन पर कोई टैरिफ नहीं लगाया गया। उन्होंने कहा, भारत अपनी ‘रेड लाइन’ से कभी समझौता नहीं करेगा, चाहे बात किसानों के हितों की हो या रणनीतिक स्वायत्तता की।”
इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम-2025 कार्यक्रम में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने अमेरिका के साथ जारी टैरिफ विवाद को लेकर कहा, “बातचीत अभी भी चल रही हैं लेकिन हमारी कुछ रेड लाइन्स हैं। सबसे अहम है किसानों और छोटे उत्पादकों के हित, यह ऐसा मुद्दा है जिस पर समझौता संभव नहीं है।”
#WATCH | Delhi: At The Economic Times World Leaders Forum 2025, EAM Dr S Jaishankar says, "It's funny to have people who work for a pro-business American administration accusing other people of doing business. If you have a problem buying oil or refined products from India, don't… pic.twitter.com/rXW9kCcVuv
— ANI (@ANI) August 23, 2025
भारतीय विदेश मंत्री ने अमेरिका को आईना दिखाते हुए कहा, “इसे तेल का मुद्दा बताया जाता है, लेकिन चीन, जो रूस से सबसे बड़ा आयातक है, उस पर कोई टैरिफ नहीं लगाया गया। भारत को निशाना बनाने वाली दलीलें चीन पर क्यों लागू नहीं होतीं?” उन्होंने कहा, “अगर आपको भारत से तेल या रिफाइंड उत्पाद खरीदने में समस्या है, तो इसे न खरीदें, लेकिन यूरोप खरीदता है, अमेरिका खरीदता है। अगर पसंद नहीं तो हमसे मत खरीदिए।”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर विदेश मंत्री ने कहा, कि हमने कभी ऐसा कोई अमेरिकी राष्ट्रपति नहीं देखा, जिसने विदेश नीति को ट्रंप की तरह सार्वजनिक रूप से संचालित किया हो। यह अपने आप में एक बदलाव है, जो केवल भारत तक ही सीमित नहीं है। राष्ट्रपति ट्रंप का दुनिया के साथ व्यवहार करने का तरीका, यहाँ तक कि अपने देश के साथ व्यवहार करने का तरीका पारंपरिक रूढ़िवादी तरीके से बहुत बड़ा बदलाव है।”
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के मुद्दे पर हम किसी भी तरह की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करते हैं। 1970 के दशक से आज पचास साल बीत चुके हैं और ये एक राष्ट्रीय सहमति है।” उन्होंने कहा, कि भारत में हमेशा से राष्ट्रीय सहमति रही है, कि हम पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों में मध्यस्थता स्वीकार नहीं करते हैं।
बता दें, कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार ये दावा कर चुके हैं उन्होंने मई के महीने में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराया। हालांकि भारत ने इस दावे को हर मंच से खारिज करते साफ कहा है, कि पाकिस्तान के मुद्दे पर किसी भी तीसरे देश की मध्यस्थता स्वीकार नहीं है।