प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दानकर्ताओं द्वारा दी हुई धनराशि का कथित तौर पर निजी उपयोग से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में पत्रकार राणा अयूब के खिलाफ कार्यवाही करते हुए अयूब की 1.77 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि कुर्क की है। प्रवर्तन निदेशालय ने समाज कल्याण के लिए जुटाए गए पैसों में धोखाधड़ी करने के आरोप में राणा अयूब पर केस दर्ज किया है।
BIG : ED attaches Rs 1.77 crore of Rana Ayyub in money laundering case
She has raises donations for causes and used money for personal use : ED
Rana Ayub is known for writing for radical islamic jihadi causes. pic.twitter.com/J91K30xgzy
— Live Adalat (@LiveAdalat) February 10, 2022
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत राणा अयूब और उनके परिजनों के नाम पर सावधि जमा और बैंक में जमा धनराशि की कुर्की का अस्थायी आदेश जारी कर दिया है। बता दें, अयूब के विरुद्ध मनी लॉन्ड्रिंग का मामला उत्तर प्रदेश गाजियाबाद पुलिस की सितंबर, 2021 में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर है,जो उनके द्वारा धर्मार्थ और समाजसेवा उद्देश्यों के लिए दानदाताओं से प्राप्त धन में कथित हेराफेरी और धोखधड़ी से संबंधित है।
इंटरनेट के जरिए एकत्रित किये 2.69 करोड़ रुपए
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राणा अयूब ने ऑनलाइन क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म केटो (Ketto) के जरिये लगभग 2,69,44,680 रुपए का फंड एकत्रित किया था। ये रकम उसके पिता और उसकी बहन के बैंक खातों में स्थानांतरित की गई थी। वही इस रकम में से 72,01,786 रुपए अयूब ने अपने बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए थे। इसके साथ ही उसकी बहन इफ्फत शेख के बैंक खाते में 37,15,072 और उसके पिता मोहम्मद अयूब वक्फ के बैंक खाते में 1,60,27,822 रुपए डिपॉज़िट हुए थे।
दानदाताओं के पैसे का निजी इस्तेमाल
पुलिस में दर्ज FIR के अनुसार, इसके बाद उसकी बहन और पिता के बैंक खाते से अमाउंट अयूब के अकाउउंट में स्थानांतरित कर दिया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अयूब ने प्रवर्तन निदेशालय (ED को सिर्फ 31,16,770 रुपए के खर्च का ब्यौरा दिया है। दस्तावेजों की जांच में यह सामने आया, समाज कल्याण के लिए एकत्रित धनराशि में मात्र 17,66,970 रुपए ही खर्च किए गए है। अयूब ने नकली बिल बनाकर समाजसेवा के लिए दानदाताओं द्वारा दिए गए पैसों का निजी इस्तेमाल किया।
रिपोर्ट्स के अनुसार राणा अयूब ने निजी यात्रा के लिए किए गए खर्च पैसो को राहत कार्य के लिए बताया था। जांच कर रही एजेंसी ने मीडिया को बताया, कि राणा अयूब ने पूरी योजना और हाईटेक माध्यम से चैरिटी के नाम पर फंड जुटाया था, लेकिन रकम का इस्तेमाल पूरी तरह समाजसेवा के लिए नहीं हुआ है।