
देहरादून नगर निगम, (चित्र साभार: जागरण)
देहरादून नगर निगम के रिकॉर्ड रूम से रजिस्टर चोरी करने के आरोप में एलएलबी के छात्र को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सहारनपुर के सावलपुर नवादा के रहने वाले आरोपी रविंद्र राणा ने अपने भाई के साथ मिलकर इस चोरी को अंजाम दिया था। हालांकि, आरोपित जिस रजिस्टर को चोरी करना चाह रहे थे, उसके स्थान पर कोई दूसरा रजिस्टर उठा के ले गए।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया, कि बीती चार मई को नगर निगम के रिकॉर्ड रूम का ताला तोड़कर रजिस्टर चोरी होने की शिकायत दर्ज की गई थी। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए शहर कोतवाल चंद्रभान अधिकारी को आरोपितों की जल्द गिरफ़्तारी के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू की।
उन्होंने बताया, पुलिस ने जब रिकॉर्ड रूम के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली, तो उसमे तीन आरोपित नजर आये। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान के लिए अभियान चलाया गया। रविवार को पुलिस ने हुलिए के आधार पर रविंद्र राणा निवासी ग्राम सवालपुर नवादा, थाना सदर, जिला सहारनपुर, उत्तर प्रदेश को पूछताछ के लिए गिरफ्तार किया।
आरोपी ने पूछताछ में बताया, कि वो सहारनपुर स्थित एक कालेज से एलएलबी की अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहा है। साथ ही वकालत की प्रैक्टिस भी कर रहा है। इसके अलावा वह प्रॉपर्टी डीलिंग का काम भी करता है। आरोपी ने बताया, कि उसका परिचित प्रॉपर्टी डीलर प्रवीण रावत दिल्ली निवासी राजकिशोर जैन की राजपुर रोड स्थित जमीन को बेचना चाह रहा था।
ऐसे में रविंद्र दिल्ली से एक पार्टी लेकर आया था, लेकिन जमीन के कागजात चेक करने पर पता चला, कि दाखिला-खारिज राजकिशोर जैन के नाम नहीं हुआ था। इसके बाद राजकिशोर ने रविंद्र से संपर्क किया और उनके नाम पर दाखिल खारिज करवाने का ठेका दिया। राजकिशोर ने कहा, कि वह उसे दो प्रतिशत का कमीशन देगा। साथ ही कुल जमीन में पांच हजार रुपये प्रति गज के हिसाब से भुगतान भी करेगा।
इसके बाद रविंद्र पिछले तीन महीने से दाखिल खारिज करवाने के लिए नगर निगम के चक्कर काट रहा था, लेकिन निगम कार्यालय के कर्मचारियों ने दाखिल खारिज करने से साफ़ मना कर दिया। कई बार चक्कर काटने के बाद रविंद्र ने ठान लिया, कि वह स्वयं ही रजिस्टर चोरी कर दाखिल खारिज कर लेगा। इसके लिए उसने नगर निगम के रिकॉर्ड रूम में 27/ 27 रजिस्टर चोरी करने की योजना बनाई।
एसएसपी ने बताया, अपनी योजना को अंजाम देने के लिए उसने अपने भाई योगेश और एक अन्य रिश्तेदार कुलदीप का सहयोग लिया। चार मई की रात में आरोपियों ने कुलदीप को नगर निगम के बाहर खड़ा किया था। ताकि अगर कोई गतिविधि हो, तो वह उन्हें सतर्क कर दे। घटना की रात रविंद्र और योगेश नगर निगम के पिछले दरवाजे से दाखिल हुए।
इसके बाद वहां रखी सीढ़ी के जरिये दोनों स्टोर रूम तक पहुंचे और बड़े पेचकस से ताला तोड़कर स्टोर रूम में दाखिल हुए। हालांकि, बहुत ढूंढने पर भी उन्हें रजिस्टर नहीं मिला। इसके बाद उसका भाई योगेश रजिस्टर ढूंढने लगा। योगेश को एक रजिस्टर मिला, लेकिन यह बकराल वाला का लेखा जोखा रजिस्टर था। ऐसे में वह इस रजिस्टर को वापस रखने लगा, लेकिन इस दौरान वहां एक महिला टहलने के लिए आ गई।
इस कारण आरोपी उस रजिस्टर को अपने साथ लेकर आ गए और आशारोड़ी जंगल के पास पन्नी से बांधकर छुपा दिया। आरोपियों की निशानदेही पर रजिस्टर को आशारोड़ी के जंगलों से बरामद कर लिया गया है। पुलिस के अनुसार, चोरी में शामिल आरोपित योगेश और बाहर निगरानी कर रहे कुलदीप की तलाश की जा रही है।