
पुलिस ने दबोचे पांच अवैध बांग्लादेशी नागरिक,(फोटो साभार: X/@DehradunPolice)
देहरादून पुलिस संदिग्ध लोगों की पहचान के लिए शहर में लगातार सत्यापन अभियान चला रही है। इसी क्रम दून पुलिस ने क्लेमेंटटाउन क्षेत्र में एक निर्माणाधीन बिल्डिंग में काम कर रहे एक महिला समेत पांच बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है, एक बांग्लादेशी नागरिक ने अपना फर्जी आधार कार्ड भी बना दिया था और कई वर्षों से भारत में रहकर विभिन्न ठेकेदारों के साथ काम कर रहा था।
अवैध बांग्लादेशी नागरिकों में चार पुरुष, एक महिला और चार बच्चें शामिल हैं। चार नाबालिग बच्चों को पुलिस संरक्षण में ले लिया गया है। बांग्लादेशी नागरिकों से दो बांग्लादेशी आईडी और दो फर्जी भारतीय आधार कार्ड बरामद किए गए है। आरोपियों से एलआईयू, स्पेशल ब्रांच, एसओजी और स्थानीय पुलिस के साथ मिलिट्री इंटेलिजेंस व आईबी द्वारा पूछताछ की जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एसएसपी देहरादून अजय सिंह को क्लेमेंटाउन क्षेत्र में कुछ बांग्लादेशी नागरिकों के अवैध रूप से रहने की सूचना प्राप्त हुई थी। इस सूचना पर तत्काल संज्ञान लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा एसओजी, एलआईयू और थाना क्लेमेंटाउन की एक संयुक्त पुलिस टीम गठित कर बाहरी व्यक्तियों के सत्यापन के लिए कार्रवाई के आदेश दिए थे।
पुलिस टीम ने बीते शनिवार की रात को क्लेमेंटाउन क्षेत्र मे सत्यापन की कार्रवाई के दौरान लेन नंबर 11 पोस्ट आफिस रोड, क्लेमेंटाउन से पांच बांग्लादेशी नागरिक निर्मल राय, शेम राय, लिपि राय, कृष्णा उर्फ संतोष, मुनीर चन्द्र राय और चार नाबालिग बांग्लादेशी बच्चों समेत उनके साथ निवास कर रही एक भारतीय महिला पूजा रानी और एक भारतीय नाबालिग बालक को पकड़ा।
SSP देहरादून को मिली गोपनीय सूचना पर दून पुलिस को मिली बडी सफलता,
देहरादून में अवैध रूप से निवास कर रहे 05 बांग्लादेशी नागरिकों व 01 भारतीय महिला को पुलिस ने किया गिरफ्तार, 04 नाबालिक बच्चो को लिया पुलिस संरक्षण में pic.twitter.com/nWCuiSd0sG
— Dehradun Police Uttarakhand (@DehradunPolice) May 18, 2025
बांग्लादेशी नागरिकों से पूछताछ के दौरान जब उनसे दस्तावेज मांगे गए, तो कोई भी बांग्लादेशी नागरिक वैध दस्तावेज पासपोर्ट और वीजा नहीं दिखा पाया। जांच के दौरान एक बांग्लादेशी नागरिक मुनीर चन्द्र राय से पटना बिहार और पश्चिम बंगाल के दो अवैध आधार कार्ड बरामद हुए और कृष्णा उर्फ संतोष और निर्मल राय से बांग्लादेश की आईडी बरामद हुई।
पुलिस के अनुसार, आरोपी मुनीर चंद्र राय उर्फ उज्वल निवासी जिला दिनासपुर बांग्लादेश 16 साल की आयु में अपने मामा के घर राधिकापुर बॉर्डर कल्याणगंज पश्चिम बंगाल पंहुचा था, जहां वह दो वर्ष तक रहा। मुनीर ने साल 2016 में एक मुस्लिम महिला पूजा रानी उर्फ रोसना निवासी सिलीगुड़ी पश्चिम बंगाल से फरीदाबाद में शादी की थी।
पूजा रानी उर्फ रोसना की यह दूसरी शादी थी। उसके पहले पति शमशुर की मौत हो चुकी है। शमशुर से उसके दो लड़के है। इनमें एक राजस्थान में रहता है। जबकि दूसरा इसके साथ देहरादून में रहता है। वही दूसरे पति मुनीर से पूजा को दो लड़कियां हुई। वर्ष 2016 में झज्जर राजस्थान में मुनीर ने ईंट भट्टे पर काम किया था। जिसके बाद मुनीर वापस बंगाल अपने मामा के पास चला गया।
वर्ष 2023 में मुनीर ने बिहार के ठेकेदार अलाउद्दीन उर्फ मोहम्मद आलम के साथ हर्रावाला देहरादून में कैंसर हॉस्पिटल में काम किया था। इसके बाद मुनीर ठेकेदार नूर इस्लाम निवासी दिल्ली के साथ देहरादून में अलग-अलग स्थानों पर कार्य करता रहा। वर्तमान में मुनीर क्लेमेंटाउन क्षेत्र में अपनी पत्नी पूजा रानी और अन्य बांग्लादेशी चार व्यक्तियों के साथ मजदूरी कर रहा था।
पुलिस की पूछताछ में ये जानकारी भी सामने आई है, कि करीब छह महीने पहले मुनीर के बुलाने पर बांग्लादेश से तीन व्यक्ति निर्मल राय, शेम राय और लिपि राय पत्नी शेम राय अपने दो बच्चों के साथ मजदूरी करने देहरादून आए थे और तीन महीने पहले मुनीर की पत्नी पूजा रानी का भांजा कृष्णा उर्फ संतोष मजदूरी करने देहरादून आये थे। इन सभी की भारत में घुसपैठ करने में नूर इस्लाम ने मदद की थी।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया, सभी बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर निवास करने के अपराध और भारतीय महिला को षडयंत्र के तहत बांग्लादेशी नागरिकों की सहायता करने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया हे। चार बांग्लादेशी नाबालिग बच्चों को पुलिस संरक्षण में लिया गया है।
उन्होंने बताया, कि आरोपियों के खिलाफ थाना क्लेमेंटाउन पर धारा 338, 336 (3),340(2),318(4),61(2) BNS और धारा 3/12/14 पासपोर्ट अधिनियम 1967 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है। इसके साथ ही फरार आरोपी नूर इस्लाम और मोहम्मद आलम की तलाश की जा रही है।