मैक्स हॉस्पिटल ने फेफड़ों की हेल्थ के बारे में किया जागरूक, (फोटो साभार: Enable Connect Consulting)
देहरादून स्थित मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल ने एक खास कम्युनिटी फिटनेस और फेफड़ों की हेल्थ अवेयरनेस इवेंट आयोजित किया। इस इवेंट का उद्देश्य आम लोगों को रेस्पिरेटरी वेलनेस और प्रिवेंटिव केयर के बारे में जागरूक करना था। इवेंट में देहरादून के आस-पास के क्षेत्रों के 250 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया, जो मजबूत और स्वस्थ फेफड़ों के मकसद को सहयोग करने के लिए एक साथ आए।
जागरूकता कार्यक्रम में चीफ गेस्ट और वर्ल्ड बॉक्सिंग काउंसिल चैंपियन, मिस्टर रितेश सिंह बिष्ट, और मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, देहरादून के एक्सपर्ट डॉक्टर्स, जिनमें डॉ. वैभव चाचरा, प्रिंसिपल कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजी, डॉ. विवेक कुमार वर्मा, प्रिंसिपल कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजी और डॉ. अमित बडोला कंसल्टेंट मेडिकल ऑन्कोलॉजी शामिल हुए।
कार्यक्रम में मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल देहरादून के प्रिंसिपल कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजी डॉ. वैभव चाचरा ने बताया, कि “बढ़ते प्रदूषण, तंबाकू के इस्तेमाल, इन्फेक्शन और बदलती लाइफस्टाइल ने फेफड़ों की बीमारियों को आम बना दिया है। उन्होंने रोज़ाना की छोटी-छोटी आदतों को अपनाने के महत्व पर भी जोर दिया, जैसे रेगुलर वॉक, स्मोकिंग से बचना, हाइड्रेटेड रहना, प्रदूषित इलाकों में मास्क पहनना और फेफड़ों को मज़बूत और हेल्दी बनाए रखने के लिए रेगुलर हेल्थ चेक-अप करवाने पर जोर दिया।
मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल देहरादून के प्रिंसिपल कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजी डॉ. विवेक कुमार वर्मा ने कहा, “अगर हम लक्षणों को जल्दी पहचान लें और समय पर मेडिकल मदद लें, तो फेफड़ों की ज़्यादातर समस्याओं को बेहतर तरीके से मैनेज किया जा सकता है। इस तरह की कम्युनिटी पहल लोगों को यह एहसास कराती है कि फेफड़ों की हेल्थ उनके हाथों में है। जागरूकता, स्क्रीनिंग और एक हेल्दी लाइफस्टाइल फेफड़ों की हेल्थ को बचाने के हमारे सबसे मजबूत तरीके हैं।”
मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल देहरादून के कंसल्टेंट मेडिकल ऑन्कोलॉजी डॉ. अमित बडोला ने जोर देकर कहा, “लंग कैंसर के मामले बहुत तेज़ी से बढ़ रहे हैं, इसका मुख्य कारण यह है, कि शुरुआती लक्षण अक्सर नजरअंदाज हो जाते हैं और कई मरीज एडवांस स्टेज में ही हॉस्पिटल पहुँचते हैं। समय पर स्क्रीनिंग से जल्दी पता चलने पर खासकर स्मोकिंग करने वालों और दूसरे हाई-रिस्क ग्रुप्स के लिए नतीजों में काफ़ी सुधार हो सकता है।
उन्होंने बताया, कि कई नई और बहुत असरदार थेरेपी ने लंग कैंसर के इलाज का तरीका बदल दिया है। कई मरीज़ों में अब कीमोथेरेपी से बचा जा सकता है, और इसकी जगह टारगेटेड ओरल दवाइयों का इस्तेमाल किया जा सकता है। जिनसे अक्सर कम साइड इफ़ेक्ट के साथ बेहतर नतीजे मिलते हैं। लोगों को लगातार खांसी, बिना किसी वजह के वज़न कम होना, सीने में तकलीफ़ या सांस फूलने जैसे चेतावनी के संकेतों के बारे में सावधान रहना चाहिए और बिना देर किए मेडिकल जांच करवानी चाहिए।
जागरूकता कार्यकम में फेफड़ों को मज़बूत करने वाला एक खास एक्सरसाइज़ सेशन रखा गया था, साथ ही एक क्विज़ और रैपिड-फ़ायर राउंड भी था, जिसमें फेफड़ों की हेल्थ पर आसान लेकिन जानकारी वाले सवाल थे, और सांस लेने की एक्सरसाइज़ और योगिक टेक्नीक पर एक खास सेशन था जिससे फेफड़ों की कैपेसिटी बढ़ती है, ऑक्सीजन फ़्लो बेहतर होता है और मेंटल रिलैक्सेशन को बढ़ावा मिलता है, जिससे पूरा सेगमेंट मज़ेदार और एजुकेशनल दोनों बन गया।
इस प्रोग्राम के जरिये मैक्स हॉस्पिटल देहरादून ने इस बात पर जोर दिया, कि फेफड़ों की देखभाल सिर्फ इलाज तक ही सीमित नहीं है और यह जागरूकता जल्दी पता लगाने और रेगुलर लाइफस्टाइल में सुधार पर बहुत ज़्यादा निर्भर करती है। इस तरह के कार्यकम लोगों को हेल्दी आदतें अपनाने और अपनी सांस की सेहत को प्राथमिकता देने के लिए मोटिवेट करने में अहम भूमिका निभाते हैं।

