सांकेतिक चित्र
देहरादून के वसंत विहार इलाके में पिटाई के कारण गंभीर रूप से घायल ई-रिक्शा चालक की बीते रविवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। प्रकरण में आरोपितों के विरुद्ध हत्या की धारा में बढ़ोतरी की गई है। वसंत विहार में बच्चे को ई-रिक्शा से टक्कर लगने पर चालक को बच्चे के परिजनों ने इतना पीटा, कि उसकी दिमाग की नस फट गई।
जानकारी के अनुसार, शहर के एक निजी अस्पताल के आइसीयू में भर्ती ई-रिक्शा चालक मनबहादुरराणा की स्थिति बेहद नाजुक बनी हुई थी। डॉक्टर पहले ही उनके दिमाग को मृत करार दे चुके थे। इस मामले में चार आरोपियों में से एक को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि तीन फरार चल रहे हैं।
मंगलवार 22 अक्टूबर 2025 की शाम ई-रिक्शा चालक मनबहादुर राणा वसंत विहार स्थित ब्लिंकिट स्टोर के पास से गुजर रहे थे। इस दौरान उनके सामने अचानक एक बच्चा आ गया। टक्कर लगने से बच्चे को चोटें आ गई। चालक ने बच्चे का हाल-चाल पूछने के लिए वाहन रोका, कि तभी बच्चे के पिता गजेंद्र सिंह, माता सीमा सिंह और उसके चाचा मनी मौके पर पहुुंचे और मारपीट शुरू कर दी।
तीनों आरोपितों ने ई-रिक्शा चालक की लात-घूसों पिटाई करते हुए उसे लहु-लुहान कर दिया। मौके पर मौजूद अन्य लोगों ने मनबहादुर को आरोपितों के चुंगल से छुड़ाया और गंभीर हालत में वाहन से उनके घर लक्ष्मीपुर ले गए। आरोप है, कि बच्चे के चाचा मनी ने ई-रिक्शा चालक के खाते से अपने अकाउंट में बच्चे के इलाज के लिए 10 हजार रुपये भी डलवा लिए।
इसके बाद अचेत अवस्था में मनबहादुर को श्रीमहंत इंदिरेश अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने बताया, कि उनके दिमाग की नसे फट चुकी हैं और वेंटिलेशन पर रख दिया। जहां बीते रविवार ई-रिक्शा चालक ने दम तोड़ दिया। ई-रिक्शा चालक के परिजन ने बताया, कि मनबहादुर राणा निवासी लक्ष्मीपुर उम्मेदपुर प्रेमनगर ई-रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे थे।
थानाध्यक्ष वसंत विहार अशोक राठौर ने बताया, इस मामले में आरोपित गजेंद्र सिंह, सीमा व मनी प्रिंस निवासी वसंत विहार मूल निवासी ग्राम दाबला तहसील चकराता के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करते हुए मुख्य आरोपित गजेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। प्रकरण में जगमोहन नाम के शख्स की संलिप्तता भी सामने आ रही है, क्योंकि उसने ई-रिक्शा की चाबी निकाली थी।
गौरतलब है, कि भारत में रोड रेज के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। आए दिन खबरों में रोड रेज के नए मामले सामने आते रहते हैं। हर दिन ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें छोटी-छोटी बातों को लेकर सड़क पर लोग एक-दूसरे से झगड़ा कर बैठते हैं और नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते है।
अक्सर देखा जाता है, कि रोड रेज के मामलों में लोग अपने से कमजोर वाहन चालकों को प्रताड़ित करते हैं। जैसे कि कार वाले रिक्शे वालों से भिड़ जाते हैं या अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन ऐसा वे बड़ी गाड़ी वालों के साथ नहीं करते। यदि सड़क पर किसी से कहा-सुनी हो तो उसे इगो पर न लें। ऐसी स्थिति में धैर्य बनाए रखना चाहिए। लड़ाई को बढ़ाने की बजाय खत्म करने का प्रयास करना चाहिए।

