
(सांकेतिक चित्र)
सरकार और साइबर पुलिस द्वारा लगातार चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के बाद भी लोग पैसों के लालच में साइबर ठगों के चंगुल में फंसकर अपनी गाढ़ी कमाई लूटा बैठते है। ताजा मामले में राजधानी देहरादून में ठगों ने शेयर मार्केट में निवेश कर लाभ का लालच देकर दो मामलों में दो व्यक्तियों से 14.30 लाख रुपये हड़प लिए।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, थाना क्षेत्र के पौंधा निवासी विकास कुमार ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया, कि 20 फरवरी को उनको एक अनजान व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा गया था। आस्क फाइनेंशियल इन्वेस्टमेंट लर्निंग क्लब-टी 903 नाम के व्हाट्सएप ग्रुप की एडमिन प्रिया शर्मा नाम की महिला थी।
व्हाट्सएप ग्रुप में प्रिया शर्मा ने पीड़ित को नए स्टॉक खरीदने और बेचने के नाम पर मोटा मुनाफा कमाने का लालच दिया। लगभग तीन हफ्ते तक चली लंबी बातचीत के बाद पीड़ित साइबर ठगों के झांसे में आ गया। इसके बाद महिला के बताये बैंक अकाउंट में पीड़ित ने 17 अप्रैल को 50 हजार रुपये डाले। उन्होंने 18 से 24 अप्रैल तक अलग-अलग खातों में 10 लाख रुपये की रकम भेजी।
इस निवेश के बाद पीड़ित को उक्त प्लेटफॉर्म पर 26 लाख रुपये लाभ सहित दिखाया गया। हालांकि जब पीड़ित ने रकम को निकालने का प्रयास किया, तो ठगों ने आईपीओ लेनदेन पूरा करने के लिए 21 लाख रुपये और जमा कराने की बात कही। इसके बाद पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मामले में प्रिया शर्मा व अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
वहीं, एक और अन्य मामले में शहर कोतवाली क्षेत्र निवासी युवक से शेयर मार्केट में लाभ दिलाने का झांसा देकर 3.8 लाख रुपये की ठगी का मामला दर्ज करवाया है। धनंजय निवासी कोर्ट रोड ने बताया, कि फरवरी 2025 में इंस्टाग्राम के माध्यम से उन्हें निवेश करने पर मुनाफा कमाने का झांसा दिया गया। इस ग्रुप में प्रिया शर्मा नाम की युवती ने उन्हें निवेश के विषय में जानकारी देते हुए व्यक्तिगत रूप से बातचीत शुरू की।
आरोप है, कि बातचीत के दौरान युवती ने पीड़ित को शेयर मार्केट से जुड़े कई इनवेस्टमेंट प्लान की जानकारी दी। साथ ही वाट्सएप मैसेज भेजकर ग्रुप में निवेश करने को कहा। इस दौरान ग्रुप से जुड़े अन्य लोगों ने भी मोटा मुनाफा मिलना दर्शाया। ठगों के झांसे में आकर पीड़ित ने छह मार्च को महिला द्वारा बताए गए खाते में 50 हजार रुपये भेजे।
इसके बाद पीड़ित ने 11, 24 और 26 मार्च को 50-50 हजार रुपये और 28 मार्च को 1.8 लाख रुपये मिलकर कुल 3.80 लाख रुपये निवेश किये। हालांकि इसके बाद भी पीड़ित पर और रकम निवेश करने के लिए दबाव बनाया जाता रहा। निवेश के बाद पीड़ित ने जब मुनाफे की रकम को निकालने का प्रयास किया, तो आरोपी महिला ने 15 फीसदी जीएसटी जमा करने की बात कही।
पीड़ित ने जब इस बात से साफ इंकार किया, तो आरोपी महिला ने उसे ग्रुप छोड़ने की बात कही। इसके पीड़ित को अपने साथ हुई ठगी का अहसास हुआ। धनराशि न निकलने की सूरत में उन्होंने पुलिस को शिकायत दी। कोतवाल चंद्रभान सिंह अधिकारी ने बताया, कि शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।