
(फोटो साभार : Shree Venkatesaya Seva Trust twitter)
बुधवार 22 मार्च 2023 से भारतीय नवसंवत्सर 2080 प्रारंभ हो रहा है। इस मंगल बेला में माँ दुर्गा की विशेष आराधना को समर्पित चैत्र नवरात्र में कलश स्थापना की जाएगी। चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि 22 मार्च दिन बुधवार से लेकर 30 मार्च दिन गुरुवार तक रहने वाले है। कलश स्थापना का मुहूर्त बुधवार सुबह छह बजकर 23 मिनट से सात बजकर 32 मिनट तक रहेगा।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस बार पूरे नौ दिन के नवरात्र है। नवरात्र के नौवें दिन भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव रामनवमी के रूप में 30 मार्च को मनाया जाएगा। नवरात्र के दौरान व्रत धारण कर पूर्ण श्रद्धा से माँ दुर्गा की पूजा अर्चना करने से माँ दुर्गा अपने भक्तो पर प्रसन्न होती है। जिससे सुख समृद्धि,धन-ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। घरो में अखंड जोत जलाने के साथ इन नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होती है।
हिन्दू पंचांग के अनुसार शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर प्रातः काल जल्दी स्नान करके माता के भक्त पूजा का संकल्प ले। पूजा स्थल की सजावट करे व चौकी रखे। इसके उपरांत कलश को कलावा से लपेट दें। फिर कलश के ऊपर आम के पत्ते रखकर नारियल को लाल कपड़े से लपेटकर कलश के ऊपर रख दे। इसके बाद शुद्ध भाव से पुष्प, धूप, दीप जलाकर माँ दुर्गा की आराधना करे।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, घट स्थापना का शुभ मुहूर्त प्रातः 6.00 से 7.30 बजे तक (शुभ और अमृत बेला) और सुबह 9.00 से 10.30 बजे तक (लाभ बेला), जबकि दोपहर 12.00 से 1.30 बजे तक (राहुकाल) रहेगा। जानकारी के लिए बता दे, राहुकाल में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है।
नवरात्रि के इन पवित्र दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपसना का विशेष महत्व बताया गया है। नौ दिन इस प्रकार होगी मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा
- 22 मार्च- मां शैलपुत्री की पूजा और घटस्थापना
- 23 मार्च- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
- 24 मार्च- मां चंद्रघंटा की पूजा
- 25 मार्च- मां कुष्मांडा की पूजा
- 26 मार्च- मां स्कंदमाता की पूजा
- 27 मार्च- मां कात्यायनी की पूजा
- 28 मार्च- मां कालरात्रि की पूजा
- 29 मार्च- मां महागौरी पूजा, महाष्टमी
- 30 मार्च- मां सिद्धिदात्री पूजा, दुर्गा महानवमी