बनभूलपुरा जमीन अतिक्रमण, (फोटो साभार : X@NewsReporterNe1)
हल्द्वानी के बनभूलपुरा रेलवे भूमि अतिक्रमण मामले में 2 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट फैसला सुना सकता है। वहीं मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए कमर कस ली है। फैसला आने से पूर्व रेलवे अधिकारियों के साथ जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन बैठक कर चुका है। पुलिस ने खुफिया तंत्र भी सक्रिय कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, हल्द्वानी रेलवे स्टेशन की 30 हेक्टेयर भूमि अतिक्रमण मामले में दो दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के मद्देनजर बनभूलपुरा को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। बीते रविवार को क्षेत्र में सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाने के लिए एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने बहुउद्देशीय भवन में बैठक की। बैठक में डीएम ललित मोहन रयाल सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी ऑनलाइन जुड़े।
एसएसपी ने कहा, कि कानून व्यवस्था को प्रभावित करने और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। राज्य और सरकार के विरुद्ध अवैध हथियार और संसाधन एकत्रित करने वाले तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने सघन चेकिंग, सत्यापन अभियान और गश्त पर जोर दिया। उन्होंने कहा, पर्याप्त फोर्स मंगा ली गई है। वहीं रेलवे ने अपने क्षेत्र में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए है।
दरअसल, वर्ष 2022 में रेलवे भूमि अतिक्रमण मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में पीआईएल दायर की गई थी। वर्ष 2023 में नैनीताल हाईकोर्ट ने इस जमीन को खाली करने के आदेश जारी किए थे। जिसके बाद रेलवे प्रशासन ने जिला प्रशासन की मदद से अतिक्रमण हटाने का प्रयास किया था, लेकिन विरोध और स्थानीय लोगों द्वारा सुप्रीम कोर्ट की शरण में जाने के बाद मामला टल गया था।
तब से मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। अब मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट, रेलवे भूमि अतिक्रमण मामले में बड़ा फैसला दे सकती है। बता दें, कि रेलवे की ओर से कहा गया, कि हल्द्वानी में बनभूलपुरा से लगी रेलवे की 29 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण किया गया है, जिनमें करीब 4,365 अतिक्रमणकारी हैं। बनभूलपुरा क्षेत्र में लगभग 3,660 मकान है।
एसपी क्राइम डॉक्टर जगदीश चंद्रा ने बताया, कि रेलवे अतिक्रमण भूमि मामले में कोर्ट का फैसला आ सकता है। जिसको लेकर पुलिस प्रशासन ने सभी तैयारी कर ली है। सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल सिंह चौहान ने कहा, कि प्रशासन पूरे मामले में नजर बनाए हुए है। माहौल खराब करने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने कहा, कि कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, उसका सम्मान किया जाएगा।
गौरतलब है, कि 8 फरवरी 2024 में जिला प्रशासन द्वारा बनभूलपुरा में नजूल भूमि पर अतिक्रमण कर मदरसा बनाए जाने के मामले में ध्वस्तीकरण के दौरान भारी बवाल हो गया था। बवाल के दौरान अराजक तत्वों द्वारा बनभूलपुरा थाने को आग के हवाले करते पुलिस फोर्स और अधिकारियों पर पथराव कर घायल कर दिया था। मामले में प्रशासन ने अराजक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की थी।

