UKD के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट, (फोटो साभार: X@ETVBharatUK)
राज्य आंदोलन के दौरान सबसे आक्रामक और समर्पित नेताओं में से एक उत्तराखंड क्रांति दल के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष दिवाकर भट्ट का निधन हो गया। लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे दिवाकर भट्ट देहरादून स्थित इंद्रेश अस्पताल में इलाज करवा रहे थे। उन्होंने मंगलवार (25 नवंबर 2025) को हरिद्वार के तरुण हिमालय स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली।
वरिष्ठ नेता दिवाकर भट्ट का अंतिम संस्कार बुधवार 26 नवंबर को हरिद्वार के खड़खड़ी श्मशान घाट पर किया जायेगा। उत्तराखंड आंदोलन में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसके चलते उन्हें फील्ड मार्शल के नाम से जाना जाता था। प्रदेश के विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों ने उनके निधन पर श्रद्धांजलि व्यक्त की है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिवाकर भट्ट के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए एक्स पोस्ट पर लिखा, “उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ आंदोलनकारी एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री दिवाकर भट्ट जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। राज्य निर्माण आंदोलन से लेकर जनसेवा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए कार्य सदैव अविस्मरणीय हैं।”
उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ आंदोलनकारी एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री दिवाकर भट्ट जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। राज्य निर्माण आंदोलन से लेकर जनसेवा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए कार्य सदैव अविस्मरणीय हैं।
ईश्वर से प्रार्थना… pic.twitter.com/FQTdbSQja1
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 25, 2025
दिवाकर भट्ट उत्तराखंड क्रांति दल के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। वे युवावस्था से ही उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन में सक्रिय रहे। 1994 के उत्तराखंड राज्य आंदोलन में दिवाकर भट्ट सबसे प्रमुख चेहरों में शामिल रहे। जब आंदोलन कमजोर पड़ने लगा, तब उन्होंने नवंबर 1995 में श्रीयंत्र टापू और दिसंबर 1995 में खैट पर्वत पर आमरण अनशन किया।
दिवाकर भट्ट आंदोलन के साथ-साथ राजनीति में भी सक्रिय रहे। वर्ष 1982 से 1996 तक वे तीन बार कीर्तिनगर के ब्लॉक प्रमुख रहे। साल 2002 में दिवाकर भट्ट ने यूकेडी के टिकट से देवप्रयाग सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए थे। इसके बाद वह 2007 में विधायक और बीजेपी सरकार में मंत्री बने। इस दौरान उन्होंने शहरी विकास जैसे महत्वपूर्ण विभाग का दायित्व संभाला।
इसके बाद साल 2012 में उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। 2017 में वे निर्दलीय चुनाव लड़े, लेकिन इस दफा भी उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा। वहीं साल 2017 में दिवाकर भट्ट यूकेडी के केंद्रीय अध्यक्ष चुने गए। इसके बाद उन्होंने साल 2022 का विधानसभा चुनाव यूकेडी की तरफ से लड़ा, लेकिन इस बार भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

