ऑडिशन के बहाने बच्चों को बनाया बंधक,(फोटो साभार :ANI/ABP News
मुंबई के पवई इलाके में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां एक सनकी ने बच्चों को बंधक बनाकर इलाके में दहशत फैला दी। आरोपित ने 15 से 20 बच्चों को स्टूडियो के अंदर बंधक बना लिया। बताया जा रहा है, कि यह शख्स स्टूडियो में ही काम करता है। आरोपी खुद को फिल्ममेकर बताता था और बच्चों को एक्टिंग का मौका देने का झांसा दे रहा था।
जानकारी के अनुसार, घटना की सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस ने मौके पर पहुँचकर बिल्डिंग को घेर लिया और रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया, कि खौफजदा बच्चे स्टूडियो की खिड़कियों से बाहर झांकते दिखे और अभिभावक मौके पर इकट्ठा हो गए। स्टूडियो में पिछले पांच दिनों से एक वेब सीरीज की शूटिंग का ऑडिशन चल रहा था।
आनन-फानन में स्पेशल कमांडो ने बिल्डिंग में घुसकर बच्चों को लगभग एक घंटे के भीतर सुरक्षित बाहर निकाल लिया। पुलिस ने आरोपित को मार गिराया है। रेस्क्यू अभियान के दौरान आरोपित रोहित आर्या को गोली लगी थी, जिसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया था। उसके पास से एक एयर गन और केमिकल बरामद किए गए हैं।
बच्चो को बंधक बनाने से पहले आरोपित ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी जारी किया था, वीडियो में आरोपित धमकी देते हुए कह रहा है, ”मैंने एक प्लान के तहत बच्चों को बंधक बनाया है। अगर मुझे थोड़ा भी उकसाया गया तो मैं इस जगह को आग लगा दूंगा। मैंने सुसाइड का कदम उठाने के बजाय यह प्लान बनाया था। मुझे उकसाया न जाए, नहीं तो मैं बच्चों को नुकसान पहुंचाना वाला कदम उठा लूंगा।”
#WATCH महाराष्ट्र: मुंबई के पवई इलाके में रोहित आर्य नाम के एक व्यक्ति ने कुछ बच्चों को बंधक बनाकर कुछ लोगों से बात करने की मांग की।
पुलिस ने बच्चों को तुरंत रेस्क्यू कर लिया और उनके अभिभावकों को सौंप दिया। पुलिस ने उस व्यक्ति को हिरासत में ले लिया है और उसकी हरकत के पीछे की वजह… pic.twitter.com/KBywdDzm1b
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 30, 2025
मुंबई पुलिस द्वारा घटना के संबंध में एक बयान जारी कर बताया गया, कि आरोपित की पहचान रोहित आर्य के रूप में हुई है। उसने मुंबई के पवई में कुछ बच्चों को बंधक बना लिया। उसने एक वीडियो भी जारी किया, जिसमें वह कह रहा है, कि वह कुछ लोगों से बात करना चाहता है और अगर ऐसा नहीं किया गया तो वह आग लगा देगा और खुद को तथा बच्चों को नुकसान पहुंचाएगा।
पुलिस अधिकारी मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए आरोपी के इरादों, मानसिक स्थिति और सोशल-मीडिया गतिविधियों की गहनता से जाँच कर रहे हैं। मौके पर मौजूद अधिकारियों ने बताया, कि बच्चों के मेडिकल-चेकअप और परिजनों से बातों के बाद ही उन्हें घर भेजा गया।
शुरुआती जानकारी के मुताबिक 20 बच्चों को ऑडिशन के लिए स्टूडियो पर बुलाया गया था। बच्चों के साथ उनके माता-पिता भी पहुंचे थे। जब बच्चों को लंच के लिए नही छोड़ा गया, तो उन्हें शक हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, ज्यादातर बच्चों की उम्र 15 साल के करीब थी।

