
सांकेतिक चित्र, (फोटो साभार: canva.com
उत्तरकाशी के त्यूणी क्षेत्र से सटे आराकोट के पावली गांव में पागल कुत्ते के काटने के दो दिन बाद गाय की मौत हो गई। गाय को काटने वाला कुत्ता घटना के बाद से लापता है। इसके बाद 18 से अधिक लोग गाय के दूध का सेवन करने से बीमार पड़ गए। बीते गुरुवार को ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र त्यूणी पहुंचे। जहां उन्हें एंटी रेबीज वैक्सीन (एआरवी) लगाई गई।
जानकारी के अनुसार, बुधवार 30 सितंबर को आराकोट के पावली गांव के ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र त्यूणी पहुंचे। ग्रामीणों ने चिकित्सक को बताया, कि लगभग तीन दिन पहले एक पागल कुत्ते ने एक गाय को काट लिया था। कुत्ते के काटने के दो दिन बाद गाय और उसके बछड़े की मौत हो गई। गाय के मुंह से झाग आ रहा था और उसका शरीर भी अकड़ गया था।
ग्रामीणों ने बताया, कि उक्त गाय के दूध का सेवन करने से गांव के तीन परिवारों की तबियत बिगड़ गई। ग्रामीणों ने चिकित्सक को बताया, कि कुत्ते को रैबीज है या नहीं इसका पता लगाने के लिए उन्होंने उसकी तलाश की, लेकिन वह कहीं नहीं मिला। इससे दूध का सेवन करने वाले लोग और अधिक भयभीत हो गए।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र त्यूणी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. नरेंद्र सिंह राणा ने बताया, कि गाय के दूध का सेवन करने वाले सभी लोगों को एंटी रेबीज वैक्सीन की पहली डोज दी गई है। सभी को वैक्सीन का पूरा कोर्स करने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया, कि गुरुवार को ग्रामीणों का स्वास्थ्य ठीक पाया गया।
जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अनिल आर्य ने दैनिक जागरण को बताया, कि रेबीज से संक्रमित गाय या भैंस के दूध में रेबीज वायरस होता है। अगर ऐसा दूध बिना उबाल के पिया जाए, तो खतरा हो सकता है, लेकिन अगर ग्रामीणों ने दूध उबाल कर पिया होगा, तो ऐसे में चिंता करने वाली बात नहीं है। इसके अलावा उन्हें एंटी रेबीज वैक्सीन भी लग गई है।