
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तराखंड के दो शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से किया सम्मानित
नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2025 समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशभर के 45 चयनित उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित किया। इस अवसर पर उत्तराखंड के चम्पावत जिले के राजकीय प्राथमिक विद्यालय च्यूरानी की प्रधानाध्यापिका डॉ. मंजू बाला और NSTI देहरादून के ट्रेनिंग ऑफिसर मनीष ममगाईं को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से अलंकृत किया गया।
नई दिल्ली में हुये विशेष कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने देशभर से आये शिक्षकों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले शिक्षकों की जमकर सराहना की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा, शिक्षकों के लिए सबसे बड़ा पुरस्कार यही है, कि उनके विद्यार्थी आजीवन उन्हें याद रखें तथा परिवार, समाज और देश के लिए सराहनीय योगदान दें।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा, “आचार्य देवो भव’ की हमारी प्राचीन परंपरा के अनुसार, शिक्षक को सर्वाधिक महत्व देने के उनके उदात्त विचार के लिए, मैं सभी देशवासियों की ओर से, डॉक्टर राधाकृष्णन जी की पावन स्मृति को सादर नमन करती हूं।”
राष्ट्रपति ने कहा, “मैं समझती हूं कि भोजन, वस्त्र और आवास की तरह शिक्षा भी, व्यक्ति की गरिमा और सुरक्षा के लिए अनिवार्य है। संवेदनशील शिक्षक बच्चों में गरिमा और सुरक्षा की भावना जगाने का काम करते है।”
President Droupadi Murmu conferred National Awards on teachers from across the country at a function held in New Delhi on Teachers’ Day. The President said that building the character of students is the primary duty of a teacher. She urged teachers to pay special attention to all… pic.twitter.com/eZpFVUeUYg
— President of India (@rashtrapatibhvn) September 5, 2025
इस उपलब्धि के साथ ही डॉ. मंजू बाला उत्तराखंड की पहली महिला प्रधानाध्यापिका बनी हैं, जिन्हें यह राष्ट्रीय स्तर का सम्मान प्राप्त हुआ। उनका योगदान उत्तराखंड राज्य के शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्रोत है। डॉ. मंजू बाला जैसी शिक्षिकाओं की उपलब्धि इस प्रगति को और सशक्त बनाती है तथा राज्य की शिक्षा प्रणाली को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाती है।
डॉ. मंजू बाला ने अपने विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप कई नवाचारी पहलें की हैं। इन प्रयासों में मातृभाषा-आधारित शिक्षण को बढ़ावा देना, समावेशी शिक्षण वातावरण तैयार करना तथा गतिविधि-आधारित तरीकों से विद्यार्थियों में आलोचनात्मक चिंतन को प्रोत्साहित करना शामिल है।
वहीं, मनीष ममगाईं NSTI देहरादून के ट्रेनिंग ऑफिसर हैं। उन्होंने शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में जिस निष्ठा और नवाचार का परिचय दिया है। वे वह नई पीढ़ी को सशक्त बनाने के साथ-साथ समाज को प्रगतिशील दिशा में काम कर रहे है।