5 सितंबर को होने वाले बागेश्वर उपचुनाव के लिए 10 अगस्त से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसी बीच भाजपा ने कांग्रेस को उपचुनाव से पहले तगड़ा झटका देते हुए 2022 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर बागेश्वर सीट से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी रंजीत दास को पार्टी में शामिल कर लिया है। बता दें, रंजीत दास के पिता गोपाल दास बागेश्वर विधानसभा सीट से चार बार विधायक चुने गए थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शनिवार (12 अगस्त 2023) को भाजपा राज्य इकाई के अध्यक्ष द्वारा प्रदेश कार्यालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में रंजीत दास को पटका पहनकर पार्टी में स्वागत किया। इस सियासी घटनाक्रम के बाद अनुमान लगाया जा रहा है, कि बागेश्वर उपचुनाव में भाजपा रंजीत दास को प्रत्याशी घोषित कर सकती है। बता दें, रंजीत दास इस विधानसभा सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंदी दिवंगत चंदन रामदास से 12 हजार वोटों से हार गए थे।
उल्लेखनीय है, कि बागेश्वर विधानसभा उपचुनाव के लिहाज से रंजीत दास की भाजपा में एंट्री बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। उनके पिता गोपाल दास बागेश्वर विधानसभा सीट से ही चार बार विधायक चुने गए थे। यूपी के दौरान से ही उनके पिता क्षेत्र से विधायक रह चुके है। वर्ष 2003 में रंजीत दास ने पहली मर्तबा नगर पालिका का चुनाव लड़ा था, लेकिन वे महज 20 वोटो से वे चुनाव हार गए थे।
आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं बागेश्वर विधानसभा से 2022 चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे श्री रंजीत दास जी ने देश के प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami जी के नेतृत्व में विश्वास व्यक्त करते हुए प्रदेश अध्यक्ष श्री @mahendrabhatbjp… pic.twitter.com/uOD1j125U0
— BJP Uttarakhand (@BJP4UK) August 12, 2023
कांग्रेस ने 2012 और 2017 में रंजीत दास को टिकट नहीं दिया। आखिरकार 2022 में रंजीत दास पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरे, लेकिन वह चंदन रामदास से चुनाव हार गए थे। उस चुनाव में रंजीत दास ने 20 हजार के आस-पास वोट प्राप्त किये थे। वहीं तत्कालीन कांग्रेस सरकार के दौरान रंजीत दास मुख्यमंत्री हरीश रावत के पीआरओ भी रह चुके है।
रंजीत दास का बीजेपी में जाना कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। फिलहाल इस झटके से उबरने के लिए कांग्रेस भविष्य में क्या कदम उठाती है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। बता दें, कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास की मृत्यु के बाद रिक्त घोषित हुई बागेश्वर विधानसभा उपचुनाव में नामांकन जमा करने की अंतिम तिथि 17 अगस्त है, जबकि 21 अगस्त तक नाम वापस लिए जा सकते है। वहीं पांच सितंबर को वोटिंग व आठ सितंबर को रिजल्ट घोषित किये जाएंगे।