अगर आपके आस-पास या घर में भी कई लोग एक साथ प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का अनुचित लाभ ले रहे हैं तो फिर सरकार जांच के बाद ऐसे लोगो पर दंडात्मक कार्रवाई कर सकती है।
भारत सरकार का प्रयास है कि इस योजना का लाभ जरूरतमंद किसानों को मिले। परन्तु वास्तविकता में किसानों के साथ-साथ ऐसे लोग भी किसान बन गए हैं। जिनका गांव और खेती से दूर – दूर तक कोई लेना-देना नहीं है। अब ऐसे मौकापरस्त लोगों के नाम जल्द ही इस योजना से हटाने की तैयारी की जा रही है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का अनुचित तरीके से लाभ लेने वाले नागरिको की भारत सरकार पहचान करने जा रही है। सरकार को बड़े पैमाने शिकायत मिली है कि ऐसे लोग इस योजना का लाभ ले रहे हैं। जो इसके दायरे में नहीं आते हैं।
फर्जी किसानों के मामलो में शिकंजा कसने की प्रक्रिया में कई ऐसे लोगो का नाम भी शामिल है। जो सरकारी कर्मचारी और संपन्न है। लेकिन फिर भी यह लोग प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का अनुचित लाभ उठा रहे हैं क्योंकि ऐसे लोग 2000 रुपये किस्त पा रहे हैं जो इनकम टैक्स भरते हैं और उनकी आय भी ज्यादा है।
इसके अलावा कई ऐसे लोग भी किसान बनकर लाभ ले रहे हैं। जिनके पास खेती के लिए जमीन नहीं है। या फिर इतनी सी जमीन है जो इस योजना का लाभ उठाने के लिए उपयुक्त नहीं है। जांच के बाद ऐसे लोग इस योजना से बाहर हो सकते हैं। मामले की जांच कृषि विभाग और इनकम टैक्स विभाग की मदद से की जाएगी।
वहीं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के नियमनुसार इस योजना का लाभ पाने के लिए किसान के नाम पर खेत होना जरूरी है। अगर भूमि किसान के दादा या पिता के नाम पर है तो भी इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा वर्तमान सरकारी कर्मचारी, या फिर रिटायर्ड कर्मचारी इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते हैं।
इसके अलावा रजिस्टर्ड डॉक्टर्स, इंजीनियरों, वकीलों, चार्टर्ड अकाउंटेंट और वास्तुकारों और उनके परिवार के लोग भी इस योजना का लाभ नहीं ले सकते। वहीं अगर रजिस्टर्ड खेती योग्य जमीन पर किसान कोई दूसरा काम कर रहा है तो फिर पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं मिलेगा।
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