
फाइल फोटो (फोटो साभार: aajtak)
देवभूमि उत्तराखंड में हेमकुंड यात्रा पर आ रहे सिख श्रद्धालुओं द्वारा मारपीट और उत्पात मचाने की कई घटनाएं लगातार सामने आ रही है। इस प्रकार की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए उत्तराखंड पुलिस कुछ सख्त कदम उठाने जा रही है।
आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने रेंज के सभी एसएसपी को उत्तराखंड की सीमाओं पर कड़ी निगरानी रखने के आदेश दिए है। दिशानिर्देशों के अनुसार, अब तलवार, भाले और कृपाण जैसे धार्मिक प्रतीकों वाले सभी हथियार बिना धार के ही उत्तराखंड की सीमाओं में प्रवेश कर पाएंगे। इस संबंध में ग्रंथियों के माध्यम से नए नियम की जानकारी श्रद्धालुओं तक पहुंचाई जाएगी।
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— Chardham Police Control Room (@Chardhampolice) July 2, 2025
बता दें, कि बीते कुछ दिनों में हेमकुंड जाने वाले सिख श्रद्धालुओं के कुछ वीडियो सोशल मीडिया में सामने आए है। इन वीडियो में सिख श्रद्धालु बेखौफ तलवार लहराते हुए नजर आए थे। इस दौरान उनकी स्थानीय निवासियों के साथ हिंसक झड़प भी हुई थी। हालांकि अब पुलिस ने बीच का रास्ता निकालते हुए इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगाने का प्रयास कर रही है, ताकि सिख श्रद्धालुओं की आस्था से भी खिलवाड़ न हो और किसी को नुकसान भी न पहुंचे।
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— Chamoli Police Uttarakhand (@chamolipolice) June 30, 2025
इसी के मद्देनजर उत्तराखंड पुलिस ने सिख समुदाय से जुड़े श्रद्धालुओं और आयोजकों से धारदार हथियार न लाने की अपील की है। आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने कहा, कि धार्मिक भावनाएं अपनी जगह है, लेकिन कानून व्यवस्था सर्वोपरि है। श्रद्धालु अपनी परंपराओं के तहत भाले, तलवार, बरछे और कृपाण का सकते है, लेकिन इनमें धार नहीं होनी चाहिए। धारदार हथियारों को लेकर पूरी तरह से सख्ती बरती जाएगी।
गौरतलब है, कि प्रत्येक वर्ष हजारों सिख श्रद्धालु हेमकुंड साहिब की यात्रा के लिए उत्तराखंड आते हैं। उनके लिए शस्त्र न केवल परंपरा बल्कि आस्था और पहचान का प्रतीक है, लेकिन श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के साथ सुरक्षा जोखिम भी बढ़ रहे है, इसलिए पुलिस ने साफ किया है, कि केवल प्रतीकात्मक और बिना धार वाले हथियार ही यात्रा में अपने साथ लाए जा सकते है।