
यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद
भैया दूज के पावन पर्व पर आज यमुनोत्री धाम में मां यमुना मंदिर के कपाट छह माह के लिए बंद कर दिए गए। इसके बाद मां यमुना की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव के लिए रवाना हुई। जिसके बाद छह माह तक श्रद्धालु खरसाली में मां यमुना के दर्शन कर सकेंगे।
चारधाम यात्र के प्रथम तीर्थ (धाम) यमुनोत्री मंदिर के कपाट वैदिक मंत्रोच्चारण और विशेष पूजा अर्चना के बाद शीतकाल के लिए 12 बजकर 30 मिनट पर बंद कर दिए गए है। इस अवसर पर धाम मां यमुना के जयकारों से गूंज उठा। इसके बाद मां यमुना की उत्सव मूर्ति डोली यात्रा के साथ शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली गांव के लिए रवाना हुई।
श्री यमुनोत्री धाम के कपाट आज भैया दूज के पावन अवसर पर वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शीतकाल के लिए बंद हो गए। मां यमुना की आराधना और दर्शन अब अक्षय तृतीया तक खरसाली (खुशीमठ) में होंगे। pic.twitter.com/7ABlHsql2b
— Uttarakhand DIPR (@DIPR_UK) October 23, 2025
इससे पहले सुबह करीब 8 बजे खरसाली गांव से यमुना के भाई शनिदेव महाराज की डोली वाद्य यंत्रों के साथ धाम के लिए रवाना हुए थे। धाम पहुंचने के बाद शनिदेव महाराज ने यमुना नदी में स्नान किया और अपनी बहन मां यमुना के साथ विशेष पूजा में शामिल हुए। वहीं पूजन के बाद तय मुहूर्त के अनुसार 12 बजकर 30 मिनट पर यमुनोत्री मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए।
कपाट बंद होने के बाद मां यमुना की डोली अपने मायके खरसाली गांव के लिए रवाना हुई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहित और श्रद्धालु उपस्थित रहे। यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित पुरूषोत्तम उनियाल ने बताया, कि यमुनोत्री धाम के कपाट विधिविधान के साथ बंद कर दिए गए है। इसके बाद श्रद्धालु अब छह माह तक मां यमुना के दर्शन शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव में करेंगे।