उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र को राष्ट्रपति ने किया संबोधित, (फोटो साभार: X@hillmailtv)
9 नवंबर को उत्तराखंड राज्य की स्थापना के 25 वर्ष पूरे हो रहे है। राज्य स्थापना की रजत जयंती के उपलक्ष्य में उत्तराखंड विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र आज सोमवार से शुरू हो गया है। सत्र का शुभारंभ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के साथ हुआ। विशेष सत्र के लिए राष्ट्रपति रविवार दोपहर देहरादून पहुंच गईं थी।
सोमवार (3 नवंबर 2025) को उत्तराखंड विधानसभा परिसर में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के आगमन पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि), मुख्यमंत्री धामी, विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष एवं मंत्रीगणों ने उनका स्वागत किया। इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सुबह 11 बजे विधानसभा कक्ष में पहुंचीं और उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उत्तराखंड विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा, कि 25 साल की इस यात्रा में राज्य ने विकास के प्रभावशाली लक्ष्यों को हासिल किया है। पर्यावरण, पर्यटन और शिक्षा समेत अनेक क्षेत्रों में राज्य ने सराहनीय प्रगति की है।
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— BJP Uttarakhand (@BJP4UK) November 3, 2025
भारतीय महिला क्रिकेट टीम को विश्व कप जीतने पर बधाई देते हुए राष्ट्रपति ने कहा, “आज खुशी का दिन है। आज हम लोगों की बेटियों ने पूरे विश्व को ये मैसेज दिया है कि हम किसी से कम नहीं हैं। यहां के युवा ऊर्जावान हैं। महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। भारत में 140 करोड़ लोग हैं, उनमें से आधी आबादी महिलाएं हैं। हम भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना देख रहे हैं।”
उन्होंने कहा, कि इसमें सभी राज्यों का सहयोग, सभी संगठन का सहयोग, सभी लोगों का सहयोग रहेगा। सपनों को साकार करने में सभी का योगदान होगा। राष्ट्रपति ने उत्तराखंड के स्थानीय नागरिकों की तारीफ करते हुए कहा, कि यहां के लोग मेहनती हैं और उनकी प्रतिबद्धता की वजह से उत्तराखंड नए विकास पथ पर अग्रसर है।
विशेष सत्र में अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी ने कहा, उत्तराखंड के विकास में महिलाओं की अहम भूमिका है। उन्होंने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए सरकार को बधाई दी। उन्होंने कहा, कि मैं खुद विधायक रही हूं, अगर एक विधायक सही से काम करे, तो जनता के अंदर और विश्वास बनेगा। मैं देख कर खुश हूं कि विधानसभा डिजिटल हुई है।
राष्ट्रपति ने कहा, कि उत्तराखंड की सुंदरता और संस्कृति दोनों से प्रदेश समृद्ध है। उत्तराखंड की 25 साल की यात्रा विधायकों के सहयोग और कार्य से ही संभव है। उत्तराखंड अभी युवा है। आज ख़ुशी मनाने का दिन है, लेकिन आत्ममंथन भी बेहद जरूरी है, कि कैसे देश इस राज्य की अलग पहचान बनाई जाए।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि राज्य में साक्षरता दर बढ़ी है। महिलाओं की शिक्षा में विस्तार हुआ है, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आई है और स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। मैं विशेष रूप से महिला सशक्तिकरण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना करती हूं।”
राष्ट्रपति ने कहा, “उत्तराखंड विधानसभा ने ऋतु खंडूरी भूषण को राज्य की पहली महिला अध्यक्ष नियुक्त करके अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाई है। मुझे आशा है कि सभी हितधारकों के सक्रिय प्रयासों से उत्तराखंड विधानसभा में महिलाओं की संख्या बढ़ेगी।”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “हमारे संविधान निर्माताओं ने नागरिकों के लिए संविधान के अनुच्छेद 44 के अंतर्गत समान नागरिक संहिता के निर्माण का प्रावधान किया है। संविधान निर्माताओं के नीति निर्देशों के अनुरूप समान नागरिक संहिता विधेयक लागू करने से जुड़े उत्तराखंड विधानसभा के सदस्यों की मैं सराहना करती हूं।”
उन्होंने कहा, “मुझे बताया गया है कि उत्तराखंड विधानसभा में 550 से अधिक विधेयक पारित किए गए हैं, जिनमें उत्तराखंड लोकायुक्त विधेयक, उत्तराखंड जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार विधेयक और धोखाधड़ी-विरोधी विधेयक शामिल हैं। मैं पारदर्शिता, नैतिकता और सामाजिक न्याय से प्रेरित ऐसे विधेयकों को पारित करने के लिए सभी पूर्व और वर्तमान विधायकों की सराहना करती हूं।”
राष्ट्रपति के संबोधन से पहले मुख्यमंत्री धामी ने सदन में कहा, “9 नवंबर को उत्तराखंड अपनी राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे करने जा रहा है। यह ऐतिहासिक अवसर उत्तराखंड के लोगों के लिए आत्म-गौरव का क्षण होने के साथ भावनात्मक क्षण भी है, क्योंकि यह राज्य हमारे असंख्य माता-बहनों, युवाओं और जननायकों के अदम्य साहस और संघर्ष का प्रतीक है।
सीएम धामी ने कहा, “हमें पृथक राज्य के लिए संघर्ष के दौर से गुजरना पड़ा। इस संघर्ष में राज्य के असंख्य नागरिकों ने वर्षों तक न्याय, सम्मान और स्वाभिमान के लिए लड़ाई लड़ी। मैं उन सभी ज्ञात-अज्ञात राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं, जिनके त्याग और बलिदान के बल पर यह राज्य 25 सालों की गौरवशाली यात्रा पूर्ण कर रहा है।”
बताते चलें, कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन से विधानसभा के विशेष सत्र का शुभारंभ हो गया है। इससे पहले 2015 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा भी उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित किया गया था। राज्य स्थापना की रजत जयंती के उपलक्ष्य पर विधानसभा के विशेष सत्र में राज्य की 25 साल की यात्रा और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की जाएगी।

