
द्वितीय केदार भगवान मध्यमहेश्वर धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुले
पंचकेदारों में द्वितीय केदार भगवान मध्यमहेश्वर मंदिर के कपाट बुधवार (21 मई 2025) को संपूर्ण विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए हैं। इस शुभ अवसर पर वेद ऋचाओं व मंत्रोच्चारण की ध्वनियों से वातावरण दिव्य और आध्यात्मिक हो गया। इस अलौकिक क्षण के छह सौ से अधिक तीर्थयात्री और स्थानीय श्रद्धालु साक्षी बने।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंध धामी ने बाबा मद्महेश्वर मंदिर के कपाट खुलने के अवसर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपने संदेश में लिखा, ” पंचकेदारों में से एक मध्यमहेश्वर मंदिर के कपाट आज संपूर्ण विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए हैं।”
नमस्ते भगवान रुद्र भास्करामित तेजसे।
नमो भवाय देवाय रसायाम्बुमयात्मने॥पंचकेदारों में से एक मध्यमहेश्वर मंदिर के कपाट आज संपूर्ण विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए हैं।
यह प्राचीन मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आध्यात्मिक चेतना, भक्ति… pic.twitter.com/cOxD7WuSeB
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) May 21, 2025
सीएम धामी ने लिखा, “यह प्राचीन मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आध्यात्मिक चेतना, भक्ति और प्राकृतिक सौंदर्य का संगम है। यहाँ की हर शिला, वादी और वायु के सरगम में स्वयं महादेव की उपस्थिति का आभास होता है। शिव के नाभि स्वरूप को समर्पित यह तीर्थस्थल आत्मा को एक विशिष्ट शांति और शिवत्व से जोड़ने का माध्यम है।”
बता दें, कि बीते मंगलवार को भगवान मद्महेश्वर की चल उत्सव विग्रह डोली के अपने रात्रि प्रवास के लिए गौंडार गांव पहुंचने पर ग्रामीणों द्वारा भव्य स्वागत किया गया। आज बुधवार प्रातःकाल 5 बजे भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली का भव्य श्रृंगार कर आरती उतारी गई। जिसके बाद भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली ने गौंडार गांव से कैलाश के लिए प्रस्थान किया।
भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश के लिए रवाना होने पर गौंडार गांव समेत विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों ने पुष्प, अक्षत्रों से अगुवाई की। सुबह 11 बजे मदमहेश्वर धाम के भंडारी मदन सिंह पंवार और विशाम्बर पंवार द्वारा धाम से शंख ध्वनि देकर डोली को धाम आने का निमंत्रण दिया।
भगवान मद्महेश्वर के कपाट वेद ऋचाओं और मंत्रोच्चार के साथ कर्क लग्न में पूर्वाह्न 11:30 बजे शुभ मुहूर्त पर ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए। कपाट खुलने के बाद पंडित कलाधर सेमवाल ने परंपरानुसार शुद्धिकरण यज्ञ किया। साथ ही श्रद्धालुओं द्वारा भगवान मदमहेश्वर के स्वयंभू लिंग पर जलाभिषेक कर सुख समृद्धि की कामना की।
द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट खुलने के अवसर पर पंच गोंडारी हक हककहूकधारी के साथ बीकेटीसी के पूर्व सदस्य शिवसिंह रावत, वेदपाठी अरूण नौटियाल, प्रबंधक प्रकाश पुरोहित, देवरा प्रभारी देवेंद्र पटवाल, डोली यात्रा प्रभारी दीपक पंवार और अन्य तीर्थयात्री उपस्थित रहे।
कपाट खुलने के अवसर पर अक्षीक्षण अभियंता मुकेश परमार और सामाजिक कार्यकर्ता नारायण दत्त जुयाल के विशेष सहयोग से लोक निर्माण विभाग ऊखीमठ द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। कपाट खुलने के समय मंदिर को फूलों से सजाया गया था।