
चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुले, (फोटो साभार: X/@DIPR_UK)
चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ मंदिर के कपाट रविवार (18 मई 2025) की सुबह चार बजे ब्रह्म मुहूर्त में पूर्ण विधि विधान से पूजा-अर्चना कर श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए हैं। इस शुभ अवसर पर करीब पांच सौ से अधिक श्रद्धालु दिव्य क्षण के साक्षी बने। कपाट खुलते ही मंदिर परिसर देवाधिदेव महादेव के जयकारों से गूंज उठा। कपाट खुलने के अवसर पर मंदिर को गेंदे के फूलों से सजाया गया है।
बता दें, शुक्रवार 16 मई को शीतकालीन गद्दीस्थल गोपीनाथ मंदिर से भगवान रुद्रनाथ की चल-विग्रह उत्सव डोली ने प्रस्थान किया था। दो दिनों की कठिन पैदल यात्रा के बाद शनिवार 17 मई की देर शाम को भगवान रुद्रनाथ की उत्सव डोली अपने मंदिर में पहुंची। आज 18 मई को ब्रह्म मुहूर्त में भगवान रुद्रनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं।
हिमालयी क्षेत्र में स्थित चतुर्थ केदार श्री रुद्रनाथ मंदिर के कपाट पूर्ण विधि-विधान के साथ श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ हेतु खुलेI #UttarakhandPolice pic.twitter.com/oAOo8zcth6
— Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) May 18, 2025
चमोली जिला प्रशासन ने भगवान रुद्रनाथ की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर पुख्ता इंतजाम किए है। वहीं चमोली पुलिस ने भगवान रुद्रनाथ के दर्शन करने आने वाले सभी श्रद्धालुओं से अपील की है, कि वे अपनी आध्यात्मिक यात्रा के दौरान पर्यावरण का भी ख्याल रखें व स्वछता पर विशेष ध्यान दें, जिससे यात्रा मार्ग पर साफ सफाई बनी रहे।
समुद्र तल से 11808 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चतुर्थ केदार के रूप में पंचकेदारों में विशेष स्थान रखने वाले रुद्रनाथ मंदिर में भगवान शिव के ‘एकनान’ स्वरूप यानी मुख की पूजा होती है। रुद्रनाथ की यात्रा बेहद दुर्गम मानी जाती है। मान्यता है, कि रुद्रनाथ में स्वर्गारोहणी यात्रा पर जा रहे पांडवों को भगवान शिव ने मुख के दर्शन दिए थे।
गोपेश्वर के मंडल-चोपता हाईवे पर लगभग तीन किमी की दूरी तय कर सगर गांव से भगवान रुद्रनाथ मंदिर की 19 किमी की कठिन पैदल यात्रा आरंभ होती है। इस यात्रा में पनार सहित अन्य सुरम्य बुग्याल व बर्फ से आच्छादित पर्वत श्रृंखला देखते ही श्रद्धालुओं का मन भक्ति और आध्यात्मिकता से भर जाता है।
भगवान रुद्रनाथ मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही अगले छह महीने तक रुद्रनाथ में भगवान की नियमित पूजा-अर्चना की जाएगी। रुद्रनाथ मंदिर ग्रीष्म काल में 6 माह मई से लेकर अक्टूबर तक श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है। वहीं शरद ऋतु में 6 माह रुद्रनाथ भगवान की पूजा अर्चना गोपीनाथ मंदिर में की जाती है।