
उत्तराखंड में सशक्त भू-कानून लागू,
उत्तराखंड विधानसभा से पारित (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक, 2025 को राज्यपाल द्वारा मंजूरी मिलने के बाद राज्य में सशक्त भू-कानून लागू हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर स्वयं इसकी जानकारी दी है। अब राजपत्रित अधिसूचना जारी होने के बाद यह कानून प्रदेश में लागू हो जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए अपने संदेश में लिखा, “देवभूमि में भूमि प्रबंधन तथा भू व्यवस्था एवं सुधार के लिए विधानसभा से पारित उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक, 2025 पर महामहिम राज्यपाल की मुहर लगने के साथ ही प्रदेश में सशक्त भू कानून लागू हो गया है।”
देवभूमि में भूमि प्रबंधन तथा भू व्यवस्था एवं सुधार के लिए विधानसभा से पारित उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक, 2025 पर महामहिम राज्यपाल की मुहर लगने के साथ ही प्रदेश में सशक्त भू कानून लागू हो गया है। इसी के साथ प्रदेशवासियों…
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) May 1, 2025
सीएम धामी ने बताया, “इसी के साथ प्रदेशवासियों की जनभावना के अनुरूप उत्तराखंड में कृषि और उद्यान भूमि की अनियंत्रित बिक्री पर पूरी तरह रोक लग गई है। साथ ही आवासीय, शिक्षा, अस्पताल, होटल, उद्योग जैसी जरूरत के लिए भी, अन्य प्रदेशों के लोगों को निर्धारित प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही उत्तराखंड में तय मानकों के अनुसार ही जमीन मिल पाएगी। सख्त भू-कानून लागू होने से प्रदेश में डेमोग्राफी चेंज की कोशिशों पर रोकथाम लग सकेगी।”
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “भू-कानून का उल्लंघन करने वाले लोगों के विरुद्ध भी लगातार कार्यवाही की जा रही है। प्रदेश की सांस्कृतिक, सामाजिक पहचान को मजबूत बनाने के लिए सख्त भू- कानून को मंजूरी प्रदान करने के लिए महामहिम राज्यपाल जी का बहुत-बहुत आभार।”
गौरतलब है, कि भू माफिया पर शिकंजा कसने के लिए सशक्त भू-कानून लागू करने की मांग को लेकर देवभूमि के स्थानीय नागरिक एक लंबे समय से सड़को पर आंदोलन कर रहे थे। इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में 19 फरवरी 2025 को बजट सत्र में उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950) संशोधित अधिनियम 2025 को विधानसभा में पारित किया गया।
उत्तराखंड में भू-कानून लागू होने के बाद देवभूमि में जमीनों की अंधाधुन खरीद फरोख्त पर लगाम लगेगी। कानून के लागू होते ही प्रदेश में हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जनपद को छोड़कर अन्य 11 जिलों में कोई भी बाहरी शख्स कृषि-बागवानी के लिए जमीन नहीं खरीद सकेगा।
हालांकि इन दोनों जिलों में कृषि-औद्यानिकी की जमीन खरीदने के लिए जिलाधिकारी के स्तर से अनुमति नहीं मिलेगी, इसके लिए शासन स्तर से ही अनुमति की प्रक्रिया पूरी हो सकेगी। इसके अलावा नगर निकाय क्षेत्रों को छोड़कर अन्य स्थानों पर बाहरी राज्यों के व्यक्ति जीवन में एक बार आवासीय प्रयोजन के लिए 250 वर्ग मीटर जमीन ही खरीद सकेंगे।
साथ ही भूमि खरीदने के लिए उन्हें अब अनिवार्य शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा। वहीं औद्योगिक प्रयोजन के लिए भूमि क्रय के नियम यथावत रहेंगे। भू-कानून का उल्लंघन होने पर भूमि सरकार में निहित होगी। इसके अलावा पोर्टल के जरिये भूमि खरीद प्रक्रिया की निगरानी रखी जाएगी। सभी जिलाधिकारी राजस्व परिषद और शासन को नियमित रूप से भूमि खरीद से जुड़ी रिपोर्ट भेजेंगे।