
देश के प्रथम गांव माणा में 12 वर्षो बाद लगा पुष्कर कुंभ 2025
देश के प्रथम गांव माणा स्थित केशव प्रयाग में 12 वर्ष बाद आयोजित हुए पुष्कर कुंभ में गुरुवार (15 मई 2025) को दस हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने अलकनंदा और सरस्वती नदी के संगम पर आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान श्रद्धालुओं ने अपने पितरों का पिंडदान कर उनके मोक्ष की कामना की।
पुष्कर कुंभ के आयोजन को लेकर जिला प्रशासन द्वारा तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए है। चमोली जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया, कि देश के प्रथम गांव माणा के केशव प्रयाग में आयोजित पुष्कर कुंभ को लेकर पैदल मार्ग का सुधारीकरण किया गया है। यहां पैदल मार्ग पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विभिन्न भाषाओं में साइन बोर्ड भी लगाए गए हैं।
माणा गांव में स्थित केशव प्रयाग में आयोजित पुष्कर कुंभ को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस की ओर से कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों को संगम स्नान के लिए पहुंचाया जा रहा है।#PushkarKumbh#ManaVillage#KeshavPrayag#Uttarakhand. pic.twitter.com/wZD4zjru4g
— Uttarakhand DIPR (@DIPR_UK) May 15, 2025
उन्होंने बताया, कि कुंभ के सुचारू संचालन के लिए पैदल मार्ग पर पुलिस की तैनाती की गई है। साथ ही संगम तट पर एसडीआरएफ के जवानों की तैनाती भी की गई है। चमोली जिलाधिकारी ने बताया, कि तहसील प्रशासन को पुष्कर कुंभ के आयोजन को लेकर व्यवस्थाओं को सुचारू बनाए रखने के लिए नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपने संदेश में लिखा, “श्री बदरीनाथ धाम के निकट भारत के प्रथम गांव माणा में 12 वर्षों बाद पुष्कर कुंभ का शुभारंभ हो चुका है। अलकनंदा और सरस्वती नदी के पावन संगम पर आस्था का यह महापर्व, हमारी सनातन परंपराओं की दिव्यता का जीवंत उदाहरण है। पुष्कर कुंभ हेतु देवभूमि आए हुए समस्त श्रद्धालुओं का इस पुण्य अवसर पर प्रदेश सरकार की ओर से हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन।”
श्री बदरीनाथ धाम के निकट भारत के प्रथम गांव माणा में 12 वर्षों बाद पुष्कर कुंभ का शुभारंभ हो चुका है। अलकनंदा और सरस्वती नदी के पावन संगम पर आस्था का यह महापर्व, हमारी सनातन परंपराओं की दिव्यता का जीवंत उदाहरण है।
पुष्कर कुंभ हेतु देवभूमि आए हुए समस्त श्रद्धालुओं का इस पुण्य… pic.twitter.com/EPw7nOdyT5
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) May 15, 2025
बता दें, कि पुष्कर कुंभ में शामिल होने के लिए दक्षिण भारत के श्रद्धालु अधिक संख्या में पहुंचते हैं। प्रातः पांच बजे से ही श्रद्धालु केशव प्रयाग में स्नान के लिए जुटने लगे थे। श्रद्धालुओं ने स्नान करने के बाद सरस्वती मंदिर के दर्शन भी किए। श्रद्धालुओं के साथ दक्षिण भारत के आचार्यगण भी पहुंचे हुए थे। जिन्होंने श्रद्धालुओं की ओर से पूजा-अर्चना संपन्न की।
उल्लेखनीय है, कि सीमांत जनपद चमोली स्थित देश के प्रथम गांव माणा में 12 वर्षो के बाद पुष्कर कुंभ का आयोजन किया जा रहा है। धार्मिक परंपरा के अनुसार, जब 12 सालों में बृहस्पति ग्रह मिथुन राशि में प्रवेश करता है, तो माणा गांव स्थित अलकनंदा और सरस्वती नदियों संगम पर स्थित केशव प्रयाग में पुष्कर कुंभ का आयोजन किया जाता है।