दिल्ली धमाके के बाद दून पुलिस अलर्ट मोड पर
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट के बाद देश भर में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर है। दिल्ली में हुई आतंकी घटना में कश्मीर कनेक्शन सामने आने के बाद उत्तराखंड पुलिस भी सतर्क हो गई है। इसी क्रम में देहरादून शहर में बाहरी राज्यों से आये छात्रों और विदेशी नागरिकों की गतिविधियों की दोबारा जांच शुरू कर दी गई है।
गौरतलब है, कि देहरादून में कश्मीर समेत देश के तमाम शहरों से काफी संख्या में छात्र पढ़ाई के लिए आते है। जिनका पूरा ब्यौरा पुलिस पहले से मेंटेन करती है। वर्तमान में करीब 900 से अधिक कश्मीरी युवा दून के अलग-अलग संस्थानों से पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन दिल्ली ब्लास्ट केस में कश्मीर एंगल आने के बाद अब सभी कश्मीरी छात्रों का री-वेरिफिकेशन अभियान शुरू किया जा रहा है।
री-वेरिफिकेशन अभियान के तहत देहरादून शहर में हॉस्टल, पीजी और किराए के कमरों में रहने वाले छात्रों के एड्रेस, पहचान पत्र एवं गतिविधियों की पूरी जांच की जाएगी। साथ ही कुछ कश्मीरी छात्रों के बने निजी सोशल मीडिया ग्रुप्स, चैट पैटर्न और कम्युनिकेशन एक्टिविटी भी निगरानी के दायरे में लाई गई है, ताकि कोई भी शक वाला इनपुट तत्काल पकड़ में आ सके।
खुफिया एजेंसियां द्वारा सिर्फ कश्मीरी छात्रों पर ही नहीं बल्कि, बाहरी राज्यों और विदेशियों की गतिविधियों पर भी पैनी नजर रखी जा रही है। पुलिस का साफ कहना है, कि कोई भी एंटी नेशनल इनपुट मिलता है, तो तत्काल एक्शन लिया जाता है, चाहे वो किसी भी देश या राज्य से जुड़ा हो।
एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने बताया, “छात्र-छात्राओं का वेरिफिकेशन ड्राइव करने से उनका पूरा डाटा पुलिस के पास उपलब्ध होता है। अगर कॉलेज या किसी अन्य तरीके से किसी के बारे में कोई जानकारी मिलती है, तो उस पर आसानी से कार्रवाई की जा सकती है। सुरक्षा एजेंसी से जब भी उन्हें जानकारी मिलती है तो वो बाहर से आए सभी छात्रों के संपर्क में रहते हैं।”
एसएसपी अजय सिंह ने कहा, कि कश्मीरी छात्रों से लेकर विदेशी छात्रों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी नजर रखी जा रही है। सोशल मीडिया से लेकर उनके ठिकानों की मॉनिटरिंग की जा रही है। अगर कोई भी संदिग्ध पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
उन्होंने कहा, कि दिल्ली ब्लास्ट के बाद देहरादून में सुरक्षा रणनीति नए सिरे से कसी जा रही है। कश्मीरी छात्रों से लेकर विदेशियों तक हर संभावित लिंक की जरूरत से ज्यादा सतर्कता के साथ स्क्रीनिंग की जा रही है। सोशल मीडिया ग्रुप्स, कॉन्टैक्ट हिस्ट्री और ठिकानों पर हाई-टेक मॉनिटरिंग की जा रही है, ताकि देहरादून में किसी भी एंटी नेशनल नेटवर्क को पनपने का मौका न मिले।
वहीं, कॉलेज प्रशासन की भी स्टूडेंट्स पर मॉनिटरिंग रहती है और किसी भी प्रकार से संदिग्ध प्रतीत होने पर उनके अभिभावकों को सूचित किया जाता है। साथ ही पुलिस को भी सूचना दी जाती है। बता दें, कि बीते 6 महीनों की मॉनिटरिंग में 16 बांग्लादेशियों की संदिग्ध एक्टिविटी सामने आई थी। जिनमें से 9 को डिपोर्ट किया गया जबकि बाकी पर कार्रवाई की गई।

