
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, (चित्र साभार : @pushkardhami) फाइल चित्र
अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (ADJ) कोर्ट ने शुक्रवार 30 मई को सजा का ऐलान कर दिया है। कोर्ट ने तीनों आरोपियों पुलकित आर्या, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। वहीं अदालत के फैसले के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी की प्रतिक्रिया भी सामने आई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “बेटी अंकिता के साथ हुए अमानवीय कृत्य पर माननीय न्यायालय का फैसला न्याय व्यवस्था में आमजन के विश्वास को और मजबूत करता है। आज के निर्णय के बाद एक संदेश स्पष्ट है कि उत्तराखंड में कानून का राज स्थापित है और बेटियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता।”
बेटी अंकिता के साथ हुए अमानवीय कृत्य पर माननीय न्यायालय का फैसला न्याय व्यवस्था में आमजन के विश्वास को और मजबूत करता है। आज के निर्णय के बाद एक संदेश स्पष्ट है कि उत्तराखंड में कानून का राज स्थापित है और बेटियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
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— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) May 30, 2025
सीएम धामी ने कहा, “हमने पहले ही दिन स्पष्ट कर दिया था कि इस मामले में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी, न जांच में, न न्याय में, न ही कार्यवाही में। हमारी जिम्मेदारी थी कि समाज को यह संदेश जाए कि अपराधी चाहे जो भी हो वह कानून से ऊपर नहीं।”
उन्होंने कहा, कि अंकिता भंडारी पहाड़ बेटी और बहन थी, जिस दिन ये घटना सामने आई थी, उसी दिन संकल्प लिया था कि पहाड़ की बेटी को उनकी सरकार न्याय दिलाएंगी। सीएम धामी ने कहा, कि मामले के सामने आने के बाद पुलिस समेत तमाम जांच एजेंसियों को निर्देश देकर सबसे पहले आरोपियों को गिरफ्तार कराया गया था।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, कि महिला आईपीएस अधिकारी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया था। एसआईटी ने पूरे मामले की जांच और एक-एक पहलू का अध्ययन किया। उन्होंने कहा, कि एसआईटी ने सारे सबूत जुटाए। एसआईटी ने बहुत की सटीक तरीके से जांच को आगे बढ़ाया और लगातार कोर्ट में पैरवी की। इसी वजह से आरोपियों को जमानत तक नहीं मिल पाई।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “हम अंकिता का वापस तो नहीं ला सकते थे, लेकिन उसके साथ न्याय हो ये हमने सुनिश्चित किया. आज का जो फैसला आया है, उससे समाज में ये संदेश गया है कि अपराधी कोई भी हो वो कानून से ऊपर नहीं है। इस तरह के फैसले आने वाले समय के लिए भी एक संदेश है, नजीर है कि देवभूमि उत्तराखंड में कोई कितना भी बड़ा हो वो कानून के हाथ से बच नहीं सकता है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, कि अंकिता के परिजनों ने जैसे भी कहा, उसी हिसाब से अभियोजन अधिकारी दिए गए। एक हजार दिन यानी तीन साल के अंदर ये फैसला आया, जिसमें आरोपियों को हत्या का दोषी माना गया। तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। उन्होंने कहा, कि सरकार और प्रशासन लगातार पीड़ित परिवार के संपर्क में रहा और परिवार को आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई।