देहरादून में अवैध बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार, (फोटो साभार : X@uttarakhandcops)
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एक अवैध बांग्लादेशी नागरिक और उसकी मददगार महिला को गिरफ्तार किया गया है। बांग्लादेशी नागरिक फर्जी नाम से देहरादून में अवैध रूप से रहा था। बांग्लादेशी ममून हसन ने फेसबुक के जरिये त्यूणी में रहने वाली रीना चौहान से दोस्ती की। इसके बाद अवैध रूप से बांग्लादेश जाकर दोनों ने निकाह रचा लिया।
जानकारी के अनुसार, ऑपरेशन कालनेमि के तहत कार्रवाई करते हुए नेहरू कॉलोनी थाना पुलिस ने बीते गुरुवार को एक बांग्लादेशी नागरिक और त्यूनी की रहने वाली महिला को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है, कि फेसबुक पर दोस्ती के बाद ममून हसन महिला से मिलने के लिए तीन बार टूरिस्ट वीजा पर भारत आया था।
वर्ष 2022 में ममून हसन और रीना चौहान अवैध तरीके से बार्डर क्रास करके बांग्लादेश गए थे और दोबारा बांग्लादेश से बॉर्डर क्रॉस कर वापस भारत आए। आरोपित देहरादून के एक क्लब में फर्जी पहचान पत्र के आधार पर बाउंसर का काम कर रहा था। आरोप है, कि महिला ने अपने पहले पति के नाम पर अवैध बांग्लादेशी नागरिक के सभी फर्जी दस्तावेज बनवाए थे।
मां0 मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के ऑपरेशन कालनेमि के तहत दून पुलिस की बड़ी कार्रवाई
– फर्जी नाम पता, आधार कार्ड, पेन कार्ड व अन्य पहचान पत्रों को बनाकर दून में अवैध रूप से निवास कर रहा बांग्लादेशी नागरिक आया दून पुलिस की गिरफ्त में#UttarakhandPolice pic.twitter.com/K701yjuvxH— Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) November 21, 2025
पुलिस के अनुसार, नेहरू कालोनी थाना और एलआईयू को अवैध रूप से भारत में घुसपैठ कर बांग्लादेशी नागरिक के नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में एक महिला के साथ रहने की सूचना मिली थी। इस सूचना का तत्काल संज्ञान लेते हुए हुए पुलिस ने दोनों संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की।
पूछताछ के दौरान बांग्लादेशी नागरिक ने अपना असली नाम ममून हसन निवासी मेहरपुर (बांग्लादेश) बताया, जबकि महिला की पहचान त्यूनी तहसील क्षेत्र की निवासी के रूप में हुई। महिला ने बताया, कि वो वर्तमान में ममून हसन के साथ अलकनंदा एन्क्लेव नेहरू कॉलोनी में किराए के मकान में दोनों पति-पत्नी के रूप में रह रहे थे।
पुलिस ने नेहरू कॉलोनी थाने में मुकदमा दर्ज कर दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। तलाशी के दौरान पुलिस ने आरोपित के कमरे से फर्जी प्रमाण, पहचान पत्र और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए हैं। वहीं, फर्जी पहचान पत्र बनवाने में महिला की मदद करने वाले भी पुलिस के रडार पर हैं, जिनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस की पूछताछ में पता चला, कि ममून हसन की महिला से पहचान फेसबुक के जरिए हुई थी। इसके बाद दोनों में दोस्ती हुई और कुछ समय बाद उनकी ऑनलाइन दोस्ती प्यार में बदल गई। जब प्रेम परवान चढ़ा, तो आरोपित वर्ष 2019 में महिला से मुलाकात करने के लिए टूरिस्ट वीजा पर बांग्लादेश से भारत आया। दोनों की मुलाकात देहरादून में हुई थी।
इस अवधि में ममून हसन करीब दो महीने तक महिला के साथ देहरादून में रहा। वहीं वीजा खत्म होने बाद आरोपित वापस बांग्लादेश चला गया। इसके बाद आरोपी दोबारा वर्ष 2020 और 2021 में टूरिस्ट वीजा पर भारत आया और कोरोना काल में वीजा खत्म के बाद वापस बांग्लादेश चला गया। इस दौरान ममून हसन महिला को भी अवैध रूप से बॉर्डर पार कराकर अपने साथ बांग्लादेश ले गया।
बांग्लादेश में महिला ने ममून हसन से निकाह रचा लिया। कुछ समय बाद आरोपी और महिला अवैध रूप से बॉर्डर पार कर वापस भारत आकर देहरादून में अलग-अलग स्थानों पर किराए पर पति-पत्नी की तरह रहने लगे। रीना ने अपने पूर्व पति सचिन चौहान के नाम पर ममून के लिए फर्जी आधार, पैन और अन्य पहचान पत्र तैयार करवाए।
जिनके आधार पर ममून देहरादून के एक क्लब में सचिन चौहान बनकर बाउंसर का काम कर रहा था। पुलिस इस फर्जीवाड़े में उसकी सहायता करने वालों की तलाश कर रही है। यह भी जांच की जा रही है, कि रीना और ममून ने फर्जी दस्तावेज के जरिये देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने में शामिल तो नहीं थे। हालांकि, अभी तक ऐसी कोई जानकारी सामने नहीं आई है।

