
(फोटो साभार : ichowk.in)
दीपावली का पर्व देशभर में उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। वहीं अंधविश्वास और गलत धारणाओं के चलते दिवाली पर उल्लुओं का शिकार बढ़ जाता है। इसी क्रम में उल्लुओं का शिकार रोकने के लिए वन विभाग सतर्क हो गया है। उल्लुओं की सुरक्षा के लिए लच्छीवाला रेंज में हंट फॉर हेल्प अभियान चलाया गया है।
जानकारी के अनुसार, देहरादून वन विभाग की विभिन्न वन रेंज में उल्लू बचाने के लिए हंट फॉर हेल्प जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है ताकि लोग उल्लू का शिकार ना करें और उसके महत्व को समझ सके। वन क्षेत्राधिकारी मेधावी कीर्ति ने बताया, कि अभियान का मुख्य उद्देश्य अंधविश्वास के कारण उल्लुओं के अवैध शिकार और व्यापार को रोकना है।
वन क्षेत्राधिकारी ने बताया, कि अभियान के जरिये लोगों को उल्लुओं के पारिस्थितिक महत्व के बारे में जागरूक करना है। उन्होंने कहा, कि उल्लू हमारे पर्यावरण का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे चूहे या इस प्रकार के अन्य जीवों की आबादी को नियंत्रित कर फसलों और प्राकृतिक संतुलन की रक्षा करते है।
वन क्षेत्राधिकारी मेधावी कीर्ति ने कहा, कि कोई भी व्यक्ति किसी घायल उल्लू को देखें, तो उसे नुकसान न पहुंचाएं और तुरंत विभाग को इसकी जानकारी दें। उन्होंने कहा, कि वन विभाग उल्लू की सुरक्षा के लिए सक्रिय है। विशेषकर दीपावली के दौरान, क्योंकि कुछ लोग अंधविश्वास के कारण इनका शिकार करते हैं, जो पूरी तरह से गलत है।
वन विभाग ने चेतावनी जारी की है, कि दीपावली पर घरों में उल्लू रखना या उसकी पूजा करना कानूनी अपराध है। यदि कोई ऐसा करता पकड़ा गया, तो उसके खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें जुर्माना, जेल और संपत्ति जब्ती शामिल हो सकती है।
वहीं रविवार से देहरादून जू में उल्लुओं पर विशेष पहरा रहेगा। इसके लिए रातभर जू के आसपास चार वनकर्मी जगे रहेंगे। जबकि जिलेभर में रात में वनकर्मी गश्त करेंगे। मसूरी-देहरादून रोड स्थित मालसी जू में तीन अलग-अलग प्रजाति के कुल 10 उल्लू हैं। डिप्टी रेंजर विनोद लिंगवाल ने बताया, कि जू के 100 मीटर के दायरे में पटाखे जलाने पर पूरी तरह से रोक है।
उन्होंने कहा, कि पटाखों की तेज आवाज और रोशनी वन्यजीवों में भय और संकट पैदा करती है। पक्षी डर के मारे अपने घोंसलों से उड़ जाते हैं और अंधेरे में भटक सकते हैं। जबकि अन्य वन्यजीवों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जू प्रशासन ने लोगों से अपील की है, कि वे राकेट और आकाशदीप को न जलाएं। इससे आग लगने का खतरा बना रहता है।