
कांवड़ यात्रा
उत्तराखंड सरकार ने 11 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा से पहले सख्त निर्देश जारी किए। श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कांवड़ यात्रा के दौरान रेहड़ी-पटरी, ढ़ाबा और अन्य दुकानदारों को फोटो के साथ पहचान पत्र व फुड लाइसेंस साफ-साफ लिखकर लगाना होगा। इस संबंध में खाघ सुरक्षा एंव औषधी विभाग द्वारा आदेश जारी कर दिए है।
कांवड़ मेले के दौरान श्रद्धालुओं को शुद्ध और स्वच्छ भोजन मिले, इसके लिए स्वास्थ्य सचिव और आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन आर राजेश कुमार की तरफ से कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य किया गया है।
श्रद्धा और आस्था के महापर्व कांवड़ यात्रा 2025 को लेकर उत्तराखण्ड सरकार पूरी तरह तैयार है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग ने एक सख्त और समर्पित कार्ययोजना तैयार की है, जिसके तहत लाखों श्रद्धालुओं को शुद्ध और सुरक्षित भोजन उपलब्ध कराने के लिए…
— Uttarakhand DIPR (@DIPR_UK) July 1, 2025
विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुसार, कांवड़ यात्रा के दौरान हर खाद्य कारोबारी को अपने लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र की एक साफ-सुथरी प्रति अपने दुकान में ऐसे स्थान पर लगानी होगी, जहां उपभोक्ता इसे आसानी से देख और पढ़ सकें। साथ ही छोटे व्यापारियों व ठेले-फड़ वालों को भी अपना फोटो पहचान पत्र और पंजीकरण प्रमाण पत्र अपने पास रखना और मांगने पर दिखाना जरूरी होगा।
इसके साथ ही होटल, भोजनालय, ढाबा और रेस्टोरेंट में ‘फूड सेफ्टी डिस्प्ले बोर्ड’ भी स्पष्ट रूप से दिखाई देने वाले स्थान पर लगाया जाना चाहिए, जिससे ग्राहक को यह पता चल सके, कि खाने की गुणवत्ता की जिम्मेदारी किसकी है। जो कारोबारी ये निर्देश नहीं मानेंगे, उनके विरुद्ध खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 की धारा 55 के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 2 लाख रुपए तक का जुर्माना लग सकता है।
इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव ने बताया, कि कांवड़ यात्रा के दौरान पंडालों, भंडारों और अन्य भोजन केंद्रों पर परोसे जा रहे खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, कि मिलावटखोरों और मानकों से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा, कि खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की विशेष टीमें हरिद्वार, देहरादून, टिहरी, पौड़ी और उत्तरकाशी जिलों में तैनात की गई हैं। ये टीमें लगातार पंडालों से दूध, मिठाई, तेल, मसाले, पेय पदार्थ आदि का सैंपल लेंगी और जांच के लिए प्रयोगशालाओं में भेजेंगी। यदि कोई सैंपल मानकों पर खरा नहीं उतरता, तो संबंधित स्थल को तत्काल बंद कर दिया जाएगा।