
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, (चित्र साभार : @pushkardhami) फाइल चित्र
हेलिकॉप्टर दुर्घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शासकीय आवास पर उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में सीएम धामी ने निर्देश जारी करते हुए कहा, कि प्रदेश में हेली सेवाओं के संचालन के लिए सख्त एसओपी तैयार की जाए, जिसमें हेलिकॉप्टर की तकनीकी स्थिति की पूर्ण जांच और उड़ान से पूर्व मौसम की सटीक जानकारी लेना अनिवार्य किया जाए।
रविवार (15 जून 2025) को मुख्यमंत्री आवास में हुई बैठक के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने निर्देश दिए, कि राज्य में अब हेली उड़ानों के बेहतर समन्वय और सुरक्षित संचालन के लिए देहरादून में एक कॉमन “कमांड एवं कोऑर्डिनेशन सेंटर” की स्थापना की जाएगी, जिसमें डीजीसीए, आपदा विभाग, सिविल एविएशन, यूकाडा, हेली ऑपरेटर कम्पनी के अधिकारियों की तैनाती होगी।
उच्च स्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया, कि सोमवार तक चार धाम के लिए हेली सेवा पूर्ण रूप से बंद रहेगी। चार धाम यात्रा में लगे सभी हेली ऑपरेटरों एवं पायलटों के उच्च हिमालय क्षेत्रों में उड़ान अनुभवों की जांच होगी एवं सभी हेली ऑपरेटरों के साथ बैठक के बाद ही पुनः हेली सेवा को सुचारु किया जाएगा।
शासकीय आवास पर बैठक के दौरान अधिकारियों को सोमवार तक चारधाम के लिए हेली सेवा पूर्ण रूप से बंद रखने व पायलटों के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उड़ान अनुभवों की जांच समेत सभी हेली ऑपरेटरों के साथ बैठक के बाद ही पुनः हेली सेवा को सुचारु करने के निर्देश दिए।
साथ ही अधिकारियों को… pic.twitter.com/EHQMCI2ntF
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) June 15, 2025
मुख्यमंत्री धामी ने सचिव गृह उत्तराखण्ड की अध्यक्षता में एक समिति गठित किए जाने के निर्देश दिए। जिसमें डीजीसीए, यूकाडा, नागरिक उड्डयन विभाग भारत सरकार, ATC के प्रतिनिधि सदस्य के रूप में रहेंगे। यह समिति जन सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए मानक प्रचालन नियमावली का प्रारूप बनाएगी। समिति अपनी रिपोर्ट सितंबर माह से पूर्व प्रस्तुत करेगी।
सीएम धामी ने आगामी समय के लिए प्रदेश में हेली सेवाओं के संचालन के लिए सख्त एसओपी (administrative and technical Standard Operating Procedure) तैयार किए जाने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने रुद्रप्रयाग में दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर के संबध में उच्च स्तरीय जांच के भी आदेश दिए। उन्होंने कहा, कि जिस भी स्तर पर लापरवाही बरती गई है, उन्हें चिन्हित कर उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने कहा, कि आम जन के जीवन की रक्षा करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। किसी भी कीमत में जिंदगियों के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। मुख्यमंत्री धामी ने कहा, कि उन्हीं पायलटों को अनुमति दी जाएगी जिनका उच्च हिमालय क्षेत्रों में हेली उड़ाने का दीर्घकालीन अनुभव होगा।
उन्होंने कहा, कि डीजीसीए द्वारा निर्धारित गाइडलाइन को और सख्त बनाया जाए, जिसका अनुपालन शत प्रतिशत किया जाए। मुख्यमंत्री ने हिमालय क्षेत्रों में अधिक संख्या में मौसम पूर्वानुमान के अत्याधुनिक उपकरण लगाने के भी निर्देश दिए, जिससे मौसम की और सटीक जानकारी प्राप्त की जा सके।
मुख्यमंत्री धामी ने जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग को दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों से संपर्क कर उनके पार्थिव शरीर को संबंधित राज्यों में भेजने की समुचित व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए।
इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव नागरिक उड्डयन समीर कुमार सिन्हा, डीजीसीए (DGCA) के महानिदेशक फैज अहमद किदवई , सचिव शैलेश बगौली, सचिव सचिन कुर्वे, सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन, सीईओ युकाडा श्रीमती सोनिका, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) के अधिकारी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
बता दें, कि उत्तराखंड में लगातार हेलीकॉप्टर हादसे हो रहे है। इस साल अभी तक 5 हेलीकॉप्टर हादसे हो चुके हैं। जिसमें 13 लोग जान गंवा चुके है। आज रविवार 15 जून की सुबह करीब सवा पांच बजे केदारनाथ धाम से आर्यन एविएशन का हेलीकॉप्टर यात्रियों को लेकर गुप्तकाशी की ओर से लौट रहा था। जैसे ही गौरीकुंड के पास पहुंचा, वैसे ही क्रैश हो गया।
यह हेलीकॉप्टर गौरीकुंड से करीब 5 किमी ऊपर गौरी माई खर्क नामक स्थान पर क्रैश हुआ। हेलीकॉप्टर हादसे में पायलट समेत 7 लोगों की मौत हो गई। हादसा इतना भयानक था कि शव बुरी तरह से जल गए। शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट का सहारा लिया जाएगा।