
सीएम धामी ने उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, (फोटो साभार: X@DIPR_UK)
उत्तराखंड में मानसून के मौसम में विशेषकर पर्वतीय दुर्गम क्षेत्रों में स्थित स्कूलों की स्थिति बेहद असुरक्षित हो जाती है। ऐसे में स्कूलों की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार (25 जुलाई 2025) को शासकीय आवास में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में संबंधित अधिकारियों को प्रदेश के सभी स्कूल भवनों की सुरक्षा ऑडिट कराए जाने के निर्देश दिए है।
उच्च स्तरीय बैठक में सीएम धामी अधिकारियों को निर्देश दिए, कि प्रदेश के सभी स्कूल भवनों का सुरक्षा ऑडिट किया जाए। जर्जर एवं असुरक्षित स्कूल भवनों में बच्चों को किसी भी स्थिति में न बैठाया जाए। उन्होंने कहा, कि बच्चों की सुरक्षा से जुड़ी किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री धामी ने निर्देश दिए, कि जहां भी स्कूल भवन मरम्मत योग्य हो, वहां शीघ्र मरम्मत की जाए और जहां पुनर्निर्माण की आवश्यकता हो, वहां उसकी कार्य योजना बनाकर तत्परता से क्रियान्वयन किया जाए। प्रदेश के सभी पुलों का भी सुरक्षा ऑडिट किया जाए।
सीएम धामी ने कहा, कि जिन पुलों की स्थिति खराब हो रही है, उनका आवश्यकतानुसार मरम्मत और पुनर्निर्माण का कार्य प्राथमिकता पर किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए, कि पुलों की स्थिति पर नियमित निगरानी रखी जाए और कहीं भी जर्जर पुलों के कारण कोई जनहानि न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा, कि त्रियुगीनारायण और राज्य के अन्य स्थल जो वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किए जा रहे हैं, उनकी कार्यवाही में तेजी लाई जाए। यह राज्य के पर्यटन और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। सीएम धामी ने निर्देश दिए, कि इन स्थलों के विकास में गुणवत्ता, सुविधा और सांस्कृतिक गरिमा का विशेष ध्यान रखा जाए।
शासकीय आवास पर बैठक के दौरान अधिकारियों को प्रदेश के सभी स्कूल भवनों एवं शौचालयों का सुरक्षा ऑडिट करने, जर्जर स्कूल भवनों में बच्चों को न बैठाने समेत सभी पुलों की भी सुरक्षा ऑडिट करने के निर्देश दिए। पुलों की आवश्यकतानुसार मरम्मत और पुनर्निमाण करने के लिए भी अधिकारियों को… pic.twitter.com/iCY9zHEtGY
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) July 25, 2025
साथ ही, अन्य राज्यों की वेडिंग पॉलिसी का अध्ययन भी किया जाए ताकि उत्तराखण्ड में एक प्रभावी और आकर्षक वेडिंग डेस्टिनेशन नीति विकसित की जा सके। सीएम धामी ने निर्देश दिए, कि राज्य में दो स्पिरिचुअल इकोनॉमिक जोन विकसित किए जाने की दिशा में तेजी से कार्य किए जाएं।
उन्होंने कहा, कि यह पहल राज्य में धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पर्यटन को सुदृढ़ करने के साथ ही आर्थिक गतिविधियों को भी सशक्त करेगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए, कि संबंधित विभाग इस दिशा में आपसी समन्वय के साथ ठोस कार्य योजना बनाकर कार्य करें।
उच्चस्तरीय बैठक में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगौली, विनय शंकर पाण्डेय, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, आईजी के.एस.नगन्याल, अपर सचिव बंशीधर तिवारी उपस्थित रहे।