
बनभूलपुरा में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त रुख के बाद संदिग्धों की पहचान और अपराधों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से नैनीताल पुलिस द्वारा व्यापक सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है। इसी बीच एक हैरान कर देने वाले फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है, जिसने प्रशासनिक तंत्र के दुरुपयोग व दस्तावेजों की कूट रचना की गहरी साजिश को उजागर किया है।
दरअसल, हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में कब्रिस्तान कमेटी के कुछ पदाधिकारीयों ने जिंदा व्यक्तियों को मृत घोषित कर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिए। इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ, जब पुलिस ने एक शिकायत की जांच के दौरान एक ऐसे शख्स के नाम पर जारी मृत्यु प्रमाण पत्र की तफ्तीश की, जिसे कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और वर्तमान में वो जमानत पर बाहर है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल प्रहलाद नारायण मीणा के सख्त निर्देशों पर बनभूलपुरा पुलिस ने जब मामले की गहनता से जांच की, तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। पुलिस के अनुसार, कब्रिस्तान कमेटी के कुछ पदाधिकारी मोटी रकम के ऐवज में जीवित व्यक्तियों और बाहरी राज्यों में मृत लोगों के नाम पर फर्जी रसीदें बनवाकर नगर निगम से मृत्यु प्रमाण पत्र हासिल कर रहे थे।
इस गहरे षड्यंत्र में शामिल कब्रिस्तान कमेटी के पदाधिकारी इकबाल अंसारी, उनके बेटा तनवीर अहमद और अन्य आरोपियों के खिलाफ नगर निगम के रजिस्ट्रार जन्म एवं मृत्यु डॉ. मनोज कांडपाल की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। अब इस मामले में पुलिस ने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। बताया जा रहा हैं, कि अब सत्यापन अभियान के दौरान ऐसे अन्य फर्जीवाड़ों की भी जांच की जा रही है।
पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया, कि इस तरह के अपराधों में लिप्त दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। नैनीताल पुलिस ने नागरिकों से अपील की है, कि अगर किसी को फर्जी दस्तावेजों या ऐसी गतिविधियों की जानकारी हो, तो वे तत्काल पुलिस को सूचित करे।
गौरतलब है, कि इस मामले ने न केवल प्रशासनिक तंत्र की घोर लापरवाही को उजागर किया है, वरन ऐसे फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्रों का इस्तेमाल संपत्ति हड़पने, कानूनी दायित्वों से बचने या अन्य आपराधिक गतिविधियों के लिए हो सकता है।