
CM धामी ने 13 महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार से किया सम्मानित
उत्तराखंड सरकार प्रत्येक वर्ष महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और प्रदेश में बेहतर और उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित करती है। इसी क्रम में गुरुवार (4 सितंबर 2025) को सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी सभागार में राज्य स्त्री शक्ति, तीलू रौतेली और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया।
पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली 13 महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार और 33 आंगनवाड़ी कार्यकर्तात्रियों को उनके उत्कृष्ट सेवा कार्य के लिए सम्मानित किया।
Dehradun | In the State Stree Shakti, Teelu Rauteli and Anganwadi Worker Award Distribution Ceremony organised at IRDT Auditorium, Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami felicitated 13 women who did remarkable work in various fields with the Teelu Rauteli Award and 33… pic.twitter.com/uLng9gs5Vi
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 4, 2025
इस अवसर पर सीएम धामी ने वीरांगना तीलू रौतेली को नमन करते हुए कहा, कि, तीलू रौतेली ने महज 15 वर्ष की उम्र में अपने रण कौशल से विरोधियों को परास्त किया। जिस उम्र में बच्चे खेलना, कूदना और पढ़ना सीखते हैं, उसी उम्र में तीलू रौतेली ने अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया। इसलिए वीरांगना तीलू रौतेली को उत्तराखण्ड की झांसी की रानी कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी “नारी तू नारायणी” के मंत्र के साथ मातृशक्ति के कल्याण एवं सशक्तिकरण के लिए कार्य कर रहे है। संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने की बात हो या बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान, उज्ज्वला योजना, लखपति दीदी योजना, केंद्र सरकार हर तरह से महिलाओं को सशक्त बना रही है, इसी तरह ट्रिपल तलाक जैसी कुप्रथा को समाप्त करके भी प्रधानमंत्री मोदी ने देश की महिलाओं को सामाजिक तौर पर मजबूत किया है।
सीएम धामी ने कहा, कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार भी मातृशक्ति के कल्याण के लिए समर्पित होकर कार्य कर रही है। इसी क्रम में राज्य सरकार ने जहां महिलाओं के लिए सरकारी सेवाओं में 30 प्रतिशत आरक्षण लागू किया है। वहीं महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए देश में सर्वप्रथम “समान नागरिक संहिता” को लागू करने का ऐतिहासिक कार्य किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, कि राज्य सरकार “मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना” और “उद्यमिता विकास कार्यक्रम” जैसी योजनाओं के माध्यम से भी मातृशक्ति को सशक्त बनाने का प्रयास कर रही है। महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख रुपये तक का ब्याज-मुक्त ऋण प्रदान किया जा रहा है। राज्य सरकार ने वर्ष 2023 से तीलू रौतेली पुरस्कार राशि 31 हजार रुपए से बढ़ाकर 51 हजार और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पुरस्कार धनराशि 21 हजार रुपए से बढ़ाकर 51 हजार कर दी है।
सीएम धामी ने कहा, कि बच्चों के शुरुआती चरण के विकास में आंगनवाड़ी केंद्रों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पहले आंगनवाड़ी बहनों को 7500 रुपए का मानदेय मिलता था, उन्हें अब 9300 रुपए कर दिया गया है। इसी तरह अब मिनी आंगनवाड़ी को 4500 के बजाय 6250 और सहायिकाओं को 3550 के बजाय 5250 रुपए का मानदेय मिलता है। इसके साथ ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर के पद पर पदोन्नति दिए जाने का भी प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, कि वैसे यह कार्यक्रम पहले आठ अगस्त को आयोजित होना था, लेकिन आपदा के कारण तब आयोजन संभव नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश इस समय आपदाओं से घिरा हुआ है, सरकार आपदा प्रभावितों तक हर संभव तरीके से पहुंचने का प्रयास कर रही है, इस काम में केंद्र सरकार का भी सहयोग मिल रहा है।
वर्ष 2024-25 के तीलू रौतेली पुरस्कार विजेता
अल्मोड़ा से मीता उपाध्याय, बागेश्वर से अलिशा मनराल, चमोली से सुरभि, चम्पावत से अनामिका बिष्ट, देहरादून से शिवानी गुप्ता, हरिद्वार से रूमा देवी, नैनीताल से नैना, पौड़ी गढ़वाल से रोशमा देवी, पिथौरागढ़ से रेखा भट्ट, रुद्रप्रयाग से हेमा नेगी करासी, टिहरी गढ़वाल से साक्षी चौहान, ऊधमसिंह नगर से रेखा तथा उत्तरकाशी से विजयलक्ष्मी जोशी चयनित हुई हैं।