
फर्जी मेट्रीमोनियल वेबसाइट के जरिये ठगने वाला तमिलनाडु से गिरफ्तार, (फोटो साभार: X@uttarakhandcops)
उत्तराखंड एसटीएफ की टीम ने फर्जी मैट्रिमोनियल साइट के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का लालच देकर ₹62.50 लाख की ठगी करने वाले शातिर ठग को तमिलनाडु के कोयंबटूर से गिरफ्तार किया है। आरोपी ने क्रिप्टोकरेंसी की फर्जी एप्लीकेशन बनायी थी, जिसके जरिये वह लोगों से दोस्ती कर क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने का लालच देकर ठगी की वारदात को अंजाम देते था।
पुलिस के अनुसार, नैनीताल निवासी एक युवक ने पुलिस में शिकायत दर्ज कर बताया था, कि उसने मैट्रिमोनियल साइट पर आईडी बनाई थी। इसके बाद उसे आरुषि रॉय नाम की एक अनजान युवती का मैसेज आया। जिसके बाद व्हाट्सएप पर मैसेज और कॉलिंग के जरिए दोनों के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हो गया। युवती ने खुद का कंबोडिया में कपड़ों का व्यापार होने की बात बताई।
कुछ दिनों तक बात होने के बाद युवती ने पीड़ित को एक ट्रेडिंग एप्लीकेशन के बारे में जानकारी देते हुए ऑनलाइन क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर मोटा मुनाफे का लालच दिया। इसके बाद युवक को व्हाट्सएप के जरिये क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए अलग-अलग बैंक अकाउंट नंबर दिए गए।
मेट्रोमोनियल साइट पर दोस्ती, फिर फर्जी एप के जरिए क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट का झांसा देकर नैनीताल निवासी से 62.50 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने वाले अभियुक्त VELMURUGAN को #UttarakhandPolice @UKCyberPolice ने कोयंबटूर, तमिलनाडू से गिरफ्तार किया।
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— Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) July 4, 2025
युवती द्वारा दिए गए अलग-अलग खातों में पीड़ित युवक ने करीब 62.50 लाख रुपए की धनराशि जमा कराई, लेकिन उसके बाद न तो उसे धनराशि वापस मिली, न ही युवती ने उससे दोबारा संपर्क किया। ऐसे में युवक को अपने साथ हुई ठगी का एहसास हुआ। इसके बाद पीड़ित ने शिकायत दर्ज करवाकर कार्रवाई की मांग की।
साइबर थाने की पुलिस टीम ने मामले की जांच के दौरान बैंक अकाउंट और मोबाइल नंबरों का सत्यापन किया। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी वेलमुरुगन निवासी तमिलनाडु को चिन्हित किया गया। इसके बाद उत्तराखंड एसटीएफ की टीम आरोपी की तलाश करते हुए तमिलनाडु पहुंची. जहां तमिलनाडू पुलिस की सहायता से कोयंबटूर से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
इसके बाद उत्तराखंड एसटीएफ आरोपी वेलमुरुगन को अपने साथ ले आई। आरोपी को कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में उप जिला कारागार हल्द्वानी भेज दिया गया है। पुलिस के अनुसार, शुरुआत में ठग निवेश की गई धनराशि में से कुछ रकम लाभांश बताकर वापस पीड़ितों के खातों में ट्रांसफर भी कर देते था, ताकि, पीड़ितों का साइबर अपराधियों पर भरोसा बना रहे।
पीड़ितों द्वारा निवेश की गई धनराशि को फर्जी क्रिप्टो एप के डैशबोर्ड पर लाभ समेत दर्शाया जाता था। जिससे पीड़ितों को लाभ होने का भरोसा हो जाता था। ऐसे में मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में पीड़ित भारी-भरकम राशि निवेश कर देते थे। जिसके बाद साइबर अपराधी निवेश की गई रकम को तत्काल ही अन्य खातों में ट्रांसफर कर देते थे।
उत्तराखंड एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया, कि प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने बताया, कि साइबर अपराध के लिए जिस बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किया है, उनमें एक महीने में ही लगभग 4.35 करोड़ रुपए के लेनदेन हुए है। उन्होंने बताया, गिरफ्तार आरोपी के विरुद्ध तमिलनाडु में ही साइबर अपराध के चार मुकदमे दर्ज है।