
धामी सरकार ने कीवी नीति 2025 को लागू किया
उत्तराखंड की धामी सरकार ने नई कीवी नीति 2025 को लागू कर दिया है। शासन द्वारा जारी आदेश के बाद राज्य सरकार किसानों को कीवी उत्पादन पर 70 फीसदी सहायता देने जा रही है। प्रदेश सरकार आगामी 6 वर्षो यानी 2031 तक के लिए कीवी नीति लेकर आई है। जिसमें कीवी के उत्पादन को 140 गुना बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
राज्य में कीवी नीति 2025 के तहत कीवी बागवानी के लिए जिलों और विकासखंडों को भी चिन्हित किया गया है। इस योजना का लाभ देहरादून जिले में चकराता कालसी और रायपुर विकासखंड में मिलेगा। इसी क्रम में उत्तरकाशी के भटवाड़ी, डुंडा, मोरी, पुरोला चिन्यालीसौड़ और नौगांव को चिन्हित किया गया है। टिहरी जिले में चंबा, धौलधार, जौनपुर, भिलंगना, प्रतापनगर, कीर्ति नगर और जाखणीधार क्षेत्र चिह्नित किये गए है।
इसके साथ ही पौड़ी जिले में कलजीखाल, कोट, खिरसू, पौड़ी, पोखड़ा, नैनीडॉडा, बिरोखाल और रिखणीखाल को चिन्हित किया गया है। जबकि रुद्रप्रयाग जिले में जखोली, अगस्तमुनि, ऊखीमठ और चमोली जिले में दसोली, जोशीमठ, पोखरी, घाट, देवाल, कर्णप्रयाग, गैरसैन, नारायण बगड़, और थराली को चिन्हित किया गया है।
नैनीताल में रामगढ़ ओखल कांडा, धारी, भीमताल और बेतालघाट को चिन्हित किया है। वहीं अल्मोड़ा में हवालबाग, ताकुला, लमगड़ा, धौलादेवी, ताड़ीखेत, द्वाराहाट और सल्ट को चिन्हित किया गया है। पिथौरागढ़ में बीन, मुनाकोट, कनालीछिना, डीडीहाट, बेरीनाग, गंगोलीहाट मुनस्यारी और धारचूला को चिन्हित किया गया है। बागेश्वर में कपकोट, गरुड़ और बागेश्वर, जबकि चंपावत जिले में चंपावत, लोहाघाट, पाटी, बाराकोट क्षेत्र को चिन्हित किया गया है।
कीवी नीति 2025 के तहत ₹1200000 प्रति एकड़ के आधार पर सब्सिडी दी जाएगी। जिसमें 70 फीसदी के बाद 30 प्रतिशत धनराशि स्वयं लगानी होगी। इसी तरह 50 फीसदी सब्सिडी मिलने पर बाकी 50 फीसदी की धनराशि स्वयं वहन करनी होगी।
नीति के तहत योजना का लाभ जनपद स्तर पर गठित समिति द्वारा किया जाएगा। आवेदक को ऑनलाइन आवेदन करना होगा, जबकि किसानों और समूहों का चयन ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर किया जाएगा। उत्तराखंड के निवासी को ही इस नीति का लाभ मिल पाएगा। एक परिवार को एक ही बार सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा। विभाग योजना का तीसरे पक्ष के माध्यम से निरीक्षण और समीक्षा भी कराएगा।
इस नीति के तहत सब्सिडी का लाभ पाने वाले लाभार्थी को लेकर भी शर्तें निर्धारित तय की गई है। इसमें किसान, पंजीकृत सहकारी संघ, सहायता समूह अथवा कोई भी पंजीकृत पट्टा धारक ही पात्र होंगे। पट्टाधारक द्वारा 25 साल के लिए कृषि योग्य भूमि पट्टे पर होनी चाहिए।
इसमें कम से कम .04 हेक्टेयर से लेकर 1 हेक्टेयर तक की भूमि के क्षेत्रफल पर व्यक्तिगत लाभार्थी को 70 फीसदी अनुदान, किसी समूह के लिए 70 प्रतिशत सब्सिडी के लिए यह शर्त 5 हेक्टेयर क्षेत्रफल तक लागू होगी। जबकि 1 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन के क्षेत्रफल पर व्यक्तिगत लाभार्थी को 50 प्रतिशत सब्सिडी और समूह की स्थिति में 5 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल पर 50 फीसदी सरकारी सहायता दी जाएगी।
गौरतलब है, कि कीवी की खेती दुनिया भर में बड़े पैमाने पर की जाती है। न्यूजीलैंड, चीन, और इटली कीवी के प्रमुख उत्पादक देश है। भारत में कीवी की खेती उत्तरी और पूर्वोत्तर राज्यों जिसमें मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में की जाती है। अरुणाचल प्रदेश देश में सबसे ज्यादा कीवी का उत्पादन करता है।