भारत के 17 वर्षीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट जीतकर इतिहास रच दिया है। वह विश्व चैम्पियनशिप खिताब के सबसे युवा चैलेंजर बन गए। गुकेश ने 14वें और आखिरी दौर में अमेरिका के हिकारू नकामूरा से ड्रॉ खेला। विश्व चैम्पियन के चैलेंजर का निर्धारण करने वाले इस टूर्नामेंट में उनके 14 में में से नौ अंक रहे। बता दें, कि गुकेश को 88500 यूरो (78.5 लाख रुपये ) इनाम के तौर पर भी मिले। इस टूर्नामेंट की कुल ईनामी राशि पांच लाख यूरो है।
हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में आयोजित प्रतियोगिता में ग्रैंडमास्टर और विश्व चैंपियनशिप चैलेंजर डी गुकेश ने फाबियानो कारुआना को शिकस्त देकर भारत को पुरुष वर्ग में पहली बार शतरंज ओलंपियाड में स्वर्ण दिलाने में मदद की। गुकेश ने जीत के बाद कहा, कि बेहद राहत महसूस कर रहा हूँ। मैं फेबियानो कारूआना और इयान नेपाम्नियाश्चि के बीच मैच देख रहा था। इसके बाद मैं टहलने चला गया जिससे मदद मिली।
INDIA DOMINATE AND WIN OLYMPIAD GOLD 🇮🇳🥇
Their star-studded lineup was simply too strong for the world as @DGukesh @ArjunErigaisi @viditchess @rpraggnachess and @HariChess clinched India's first-ever open gold! 🙌 #ChessOlympiad pic.twitter.com/0B7s8hukgm
— Chess.com (@chesscom) September 21, 2024
इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट जीतने वाले विश्वनाथन आनंद के बाद वह दूसरे भारतीय बन गए। पांच बार के विश्व चैम्पियन आनंद ने 2014 में यह खिताब जीता था। ग्रैंडमास्टर प्रवीण थिप्से ने टीम को स्वर्ण जीतने पर बधाई देते हुए कहा, कि भारत 11वां दाैर हार भी जाता है और दूसरी टीम से उसके बराबर अंक रह जाते हैं तो भी ट्राई ब्रेकर में भारत का स्कोर अच्छा है जिससे उसका स्वर्ण पक्का है।
45वें शतरंज ओलंपियाड के 10वें दौर में भारतीय पुरुष टीम ने अमेरिका को 2.5-1.5 से हराया। भारतीय पुरुष टीम टूर्नामेंट में हारी नहीं है और 19 अंक के साथ ओपन वर्ग में शीर्ष पर कायम है। प्रगनानंदा को वेस्ली सो से हार मिली। विदित ने लेवरोन को ड्रॉ पर रोका। अर्जुन ने पेरेज को हराया। वहीं गुकेश को जीत के लिए ड्रॉ की ही जरूरत थी और उन्होंने नकामूरा के खिलाफ कोई कोताही नहीं बरती. दूसरी ओर कारूआना और नेपाम्नियाश्चि की बाजी भी ड्रॉ रही। अगर दोनों में से कोई जीतता तो टाइब्रेक होता।
वहीं भारतीय महिला टीम ने चीन को 10वें दौर में 2.5-1.5 से शिकस्त दी। महिला टीम ने इससे पहले अमेरिका की टीम से ड्रॉ खेला था और अब चीन पर जीत के साथ वापसी की। भारतीय महिला टीम में सिर्फ दिव्या देशमुख को जीत मिली जबकि नोएडा की वंतिका अग्रवाल, वैशाली और हरिका ने ड्रॉ खेला। दिव्या ने शिक्वेन को हराया। वंतिका ने मियाओई को बराबरी पर रोका। शीर्ष बोर्ड पर हरिका को झू जिनेर के खिलाफ ड्रॉ खेलना पड़ा जबकि वंतिका ने मियाओइ को बराबरी पर रोक दिया।