UIDAI ने 2 करोड़ से ज्यादा आधार नंबर किये डी-एक्टिवेट, (सांकेतिक चित्र)
आधार प्रणाली को सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने की दिशा में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने आधार डेटाबेस की निरंतर सटीकता बनाए रखने के लिए राष्ट्रव्यापी सफाई अभियान के तहत 2 करोड़ से अधिक मृत व्यक्तियों के आधार कार्ड नंबरों को डिएक्टिवेट कर दिया है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय द्वारा बुधवार को दी गई जानकारी के अनुसार, “यह क्लीन-अप ड्राइव पहचान से जुड़ी धोखाधड़ी को रोकने और वेलफेयर लाभ के लिए आधार नंबर के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए जरूरी है। UIDAI का यह प्रयास आधार प्रणाली को सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह सुनिश्चित करता है, कि हर आधार नंबर सही व्यक्ति से जुड़ा हो।
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, कि किसी भी आधार नंबर को दोबारा किसी और को नहीं दिया जाता है। लेकिन, किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद, उसके आधार नंबर को निष्क्रिय करना बहुत जरूरी है। ऐसा करना इसलिए जरूरी है, ताकि मृत व्यक्ति की पहचान का इस्तेमाल किसी भी फ्रॉड गतिविधी या अनाधिकृत तरीके से न हो सके।
.@UIDAI deactivates over 2 Crore Aadhaar numbers of deceased individuals
UIDAI sourcing data from Registrar General of India, States, various central govt departments for the initiative
Family members may also report the death of kin via myAadhaar portal
Read here:…
— PIB India (@PIB_India) November 26, 2025
अथॉरिटी ने कहा, कि मृतक लोगों की पहचान करने के लिए UIDAI ने कई एजेंसियों से डेटा लिया है, जिसमें रजिस्ट्रार जनरल ऑफ़ इंडिया (RGI), राज्य सरकारें, केंद्र शासित प्रदेश, पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम और नेशनल सोशल असिस्टेंस प्रोग्राम शामिल है। UIDAI भविष्य में इसी तरह का डेटा एकत्र करने के लिए बैंकों और दूसरे वित्तीय संस्थाओं के साथ काम करने की भी योजना बना रहा है।
इसके अलावा, UIDAI ने इस वर्ष की शुरुआत में एक नई सुविधा भी लॉन्च की है, जिसके तहत मृत आधार कार्ड धारक की सूचना परिवार के सदस्यों द्वारा दी जा सकती है। यह सुविधा अभी 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध है, जो सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम का प्रयोग कर रहे है। अथॉरिटी ने कहा, “बाकी राज्यों और यूटीएस को जोड़ने की कोशिशें चल रही है।”
यूआईडीएआई ने आधार होल्डर्स से कहा है, कि वे ऑफिशियल डेथ सर्टिफिकेट मिलने के बाद अपने परिवार के सदस्यों की मौत की रिपोर्ट MyAadhaar पोर्टल पर दें। अथॉरिटी ने कहा, कि इससे पूरे देश में अधिक सही और फ्रॉड-फ्री आधार डेटाबेस बनाए रखने में मदद मिलेगी।

