
DRDO ने स्वदेशी मिलिट्री पैराशूट का किया सफल परीक्षण, (फोटो साभार: @DRDO_India)
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने 32000 फीट की ऊंचाई पर स्वदेशी सैन्य कॉम्बैट पैराशूट सिस्टम MCPS का सफल परीक्षण किया है। यह उपलब्धि एमसीपीएस को भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा वर्तमान में परिचालन में उपयोग में आने वाली एकमात्र पैराशूट प्रणाली बनाती है जो 25,000 फीट से ऊपर तैनाती में सक्षम है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार (16 अक्टूबर 2025) को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित स्वदेशी मिलिट्री कॉम्बैट पैराशूट सिस्टम (MCPS) को देश की रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक “ऐतिहासिक उपलब्धि” बताया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “देश के लिए गर्व का क्षण! DRDO द्वारा विकसित स्वदेशी मिलिट्री कॉम्बैट पैराशूट सिस्टम (MCPS) के जरिए भारत ने 32,000 फीट की ऊंचाई से कॉम्बैट फ्री-फॉल जंप हासिल किया है। यह आत्मनिर्भरता की दिशा में एक उल्लेखनीय मील का पत्थर है।”
Proud moment for nation! The indigenously developed Military Combat Parachute System (MCPS) by @DRDO_India has achieved combat freefall jump from 32,000 ft.
A remarkable milestone towards self-reliance in critical defence technologies. 🇮🇳 #AtmanirbharBharat #DRDO… https://t.co/0jePmSfBZw
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 16, 2025
DRDO ने भी एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकियों में एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए DRDO द्वारा विकसित मिलिट्री कॉम्बैट पैराशूट सिस्टम (MCPS) ने 32,000 फीट की ऊंचाई से कॉम्बैट फ्री-फॉल जंप सफलतापूर्वक पूरा किया।”
Achieving major milestone in critical defence technologies, Military Combat Parachute System (MCPS), indigenously developed by DRDO has successfully undergone a combat freefall jump from an altitude of 32,000 feet. The parachute system was deployed at an altitude of 30,000 ft,… pic.twitter.com/VPApxpYO3x
— DRDO (@DRDO_India) October 15, 2025
DRDO ने बताया, कि यह जंप वायुसेना के टेस्ट जंपर्स विंग कमांडर विशाल लाखेश (वीएम-जी), मास्टर वारंट ऑफिसर आर. जे. सिंह और मास्टर वारंट ऑफिसर विवेक तिवारी द्वारा किया गया। पैराशूट सिस्टम 30,000 फीट की ऊंचाई पर तैनात किया गया, जो वर्तमान में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा उपयोग में आने वाला एकमात्र ऐसा सिस्टम है।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह सिस्टम DRDO की दो प्रयोगशालाओं एरियल डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (आगरा) और डिफेंस बायोइंजीनियरिंग एंड इलेक्ट्रोमेडिकल लेबोरेटरी (बेंगलुरु) द्वारा विकसित किया गया है। यह उपलब्धि MCPS को भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला एकमात्र ऐसा पैराशूट सिस्टम बनाती है जो 25,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर तैनात किया जा सकता है।
इस स्वदेशी प्रणाली ने भारतीय स्वदेशी पैराशूट प्रणालियों को व्यापक रूप से अपनाने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। विदेशों से मँगाए जाने वाले उपकरणों के मुकाबले में इस सिस्टम का रखरखाव व मरम्मत कम समय में और कम खर्च पर किया जा सकेगा। इससे युद्ध या संकट के वक्त विदेशों पर निर्भरता तो कम होगी ही, साथ ही सेना की कार्यक्षमता में भी वृद्धि होगी।