
अपराध न्यूज
उधमसिंह नगर में पूजा को मारने वाले मुश्ताक ने पुलिस की पूछताछ में कई खौफनाक खुलासे किए हैं। पूजा को मौत के घाट उतारने के बाद हत्यारोपी मुश्ताक कर्नाटक भाग गया और पंक्चर की दुकान चला रहा था। उसने अपना मोबाइल भी बंद कर दिया था। हालांकि पुलिस ने उसके परिजनों पर दबाव बनाकर उसे उत्तराखंड बुलाकर गिरफ्तार किया।
पुलिस को मुश्ताक ने बताया, कि उसने हिंदू नाम अजीत बताकर पूजा मंडल को अपने प्रेम जाल में फंसाया। जिसके बाद वह दो साल तक लिव-इन-रिलेशन में रहे। कुछ वक्त बाद दोनों ने शादी कर ली। मुश्ताक ने बताया है, कि पूजा के साथ वो शादी का ड्रामा कर रहा था और उसकी नजर पूजा के पैसों के साथ ही उसकी बेटी पर भी थी।
दरअसल, मुस्ताक पूजा की बेटी को बेचने की फिराक में था। मुस्ताक के गंदे इरादों की भनक लगते ही पूजा की बेटी अपने मामा के घर नानकमत्ता चली गई। इस दौरान वो पूजा के साथ नानकमत्ता आता-जाता रहा। इसी बीच पूजा की बेटी को मुस्ताक के मुस्लिम होने का पता चला और ये जानकारी उसने परिवार के लोगों को दी।
गुरुग्राम के सेक्टर-5 थाना के जांच अधिकारी कृष्ण ने बताया, कि मुस्ताक की दूसरी शादी की सूचना मिलने पर पूजा सितारगंज स्थित मुश्ताक के घर गई थी। जहां इन दोनों के बीच झगड़ा हुआ। इसके बाद मुस्ताक के घर वालों ने दोनों को घर से बाहर निकाल दिया।
हत्यारोपी मुस्ताक ने बताया, कि ज्यादा दबाव पड़ने पर उसने पूजा को ठिकाने लगाने का प्लान बनाया। योजना के मुताबिक, 15 नवंबर को वो पूजा को लेकर अपनी बहन के गांव खटीमा पंहुचा। अगले दिन 16 नवंबर को पूजा को घुमाने के बहाने नदन्ना गांव में एक नाले के पास पहुंचा।
इस दौरान मुस्ताक ने मौका देखकर पूजा पर पीछे से हमला किया और फिर चाकू से धड़ को सर से अलग कर दिया। उसने धड़ को चादर और सिर को बोरे में पत्थर के साथ डालकर पुलिया के नीचे फेंक दिया। मुश्ताक को 30 अप्रैल, 2025 को पुलिस ने दबोचा था। पिछले साल नवंबर में पूजा के परिजनों ने उसकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी।
मुश्ताक ने पूजा की हत्या नवंबर में कर दी थी। मुश्ताक पहले पंचर बनाता था और बाद में टैक्सी चलाने लगा। वह पूजा के साथ लिव इन में रहता था और शादी का ड्रामा कर रहा था। उसने पूजा के पैसों से सितारगंज में प्लाट और बाइक भी खरीदी थी। इस बीच उसने अपने गाँव में भी एक निकाह कर लिया था।