
विजिलेंस टीम ने सरकारी कर्मचारी को रिश्वत लेते दबोचा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार सख्त कदम उठाये जा रहे है। उत्तराखंड में रिश्वतखोर अधिकारियों-कर्माचारियों पर विजिलेंस की टीम लगातार एक्शन ले रही है। प्रदेश में रोजाना सरकारी दफ्तरों में रिश्वत लेते अधिकारियों-कर्माचारियों को रंगे हाथों पकड़ा जा रहा है। घूसखोरी का नया मामला देहरादून जिले के कालसी तहसील क्षेत्र में सामने आया है।
देहरादून के कालसी तहसील क्षेत्र में विजिलेंस की टीम ने कार्रवाई करते हुए पटवारी गुलशन हैदर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है, कि इस दौरान पटवारी ने साक्ष्य मिटाने के लिए एक कांड कर दिया और मौके पर रिश्वत की रकम निगलने की कोशिश की।
जानकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता ने सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) के टोल फ्री नंबर 1064 पर शिकायत दर्ज कराई थी, कि उसके चचेरे भाईयों ने मूल निवास प्रमाण पत्र एवं जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था, जिसे आनलाइन निरस्त कर दिया गया। इस संबंध में पटवारी गुलशन हैदर तहसील कालसी से फोन पर संपर्क किया गया।
आरोप है, कि पटवारी गुलशन हैदर ने उन्हे फोटो आईडी और दो हजार रुपए लेकर सोमवार (26 मई 2025) को तहसील कार्यालय बुलाया था। हालांकि शिकायतकर्ता रिश्वत नहीं देना चाहता था। शिकायत के बाद विजिलेंस देहरादून की ट्रैप टीम ने नियमानुसार कार्रवाई करते हुए पटवारी गुलशन हैदर तहसील कालसी को उसके प्राइवेट कमरे से रिश्वत लेते हुए दबोच लिया।
बताया जा रहा है, कि इस दौरान पटवारी रिश्वत के पैसो को निगलने की कोशिश की। इस खबर से राजस्व विभाग में हड़कंप मच गया। इसके बाद विजिलेंस की टीम तत्काल आरोपी को लेकर अल्ट्रासाउंड के लिए उप-जिला अस्पताल विकासनगर पहुंची। जहां पर रेडियोलॉजिस्ट द्वारा पटवारी का अल्ट्रासाउंड कराया गया।
विजिलेंस निदेशक डॉक्टर वी मुरुगेसन ने नागरिकों से अपील की है, कि यदि प्रदेश के सरकारी विभागों में नियुक्त कोई अधिकारी या कर्मचारी रिश्वत की मांग करता है, तो तत्काल इस संबंध में विजिलेंस टीम को सूचित करें। शिकायत टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1064, व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर 9456592300 और vighq_uk@nic.in पर की जा सकती है।