
रिहायशी इलाके में घुसकर हाथियों ने मचाया उत्पात, (फोटो साभार: etvbharat)
देहरादून में बीते रविवार की रात हाथियों ने शहर के बीचों-बीच स्थित नवादा की कॉलोनी में न सिर्फ घरों के बाहर खड़ी गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया बल्कि घर में घुसने की कोशिश करते हुए दीवारों और दरवाजे तक को तोड़ कर रख दिया। नवादा की कॉलोनी में रहने वाले लोगों ने शायद ही इस बात की कल्पना कभी की हो, कि हाथी यहां तक भी पहुंच सकते हैं।
नवादा क्षेत्र में हाथियों की धमक से लोग दहशत में है। नवादा में रविवार देर रात लगभग 2 बजे दो हाथी अपने बच्चों के साथ कॉलोनी में घुस गए। इस दौरान हाथियों ने कॉलोनी में खड़ी गाड़ियों में जमकर तोड़फोड़ की। बताया जा रहा है, कि यह सिलसिला करीब 2 घंटे तक चलता रहा। हाथियों ने चार स्कूटी और आधा दर्जन से ज्यादा वाहनों को नुकसान पहुंचाते हुए उनके शीशे तोड़ दिए।
इतना ही नहीं हाथियों ने कुछ घरों की दीवारों को भी नुकसान पहुंचाया है। इस दौरान हाथियों ने एक घर में घुसने की कोशिश भी की। जिससे घर की रेलिंग और दीवार को भी नुकसान पहुंचा है। देहरादून में कई वर्षों बाद किसी रिहायशी क्षेत्र में हाथियों का प्रवेश हुआ है। वहीं नवादा के समीप डिफेंस कॉलोनी और विधानसभा क्षेत्र भी स्थित हैं, जिससे सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंता जताई जा रही है।
देहरादून के डीएफओ नीरज शर्मा के मुताबिक, वन विभाग भी इस घटना से बेहद हैरान है। इस घटना के बाद फिलहाल नवादा के इस क्षेत्र में वन विभाग ने अपने कुछ कर्मचारियों को तैनात कर दिया है। डीएफओ ने बताया, कि जिस स्थान से हाथी कॉलोनी में दाखिल हुए हैं, वहां पर एक बड़ी खाई खोदी जा रही है। जिससे हाथी दोबारा इस रिहायशी इलाके में घुस ना पाए।
डीएफओ नीरज शर्मा के मुताबिक, तार-बाढ़ का भी प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है। जिससे जंगली जानवरों की आमद दोबारा इस क्षेत्र में ना हो। इसके साथ ही हाथियों ने जो नुकसान लोगों की गाड़ियों और घरों को पहुंचा है उनकी रिपोर्ट बनाकर सभी को मुआवजा दिया जाएगा।
गौरतलब है, कि उत्तराखंड में जंगली जानवर लगातार रिहायशी इलाकों में दाखिल हो रहे है। कुमाऊं और गढ़वाल के कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर बाघ, हाथी और अन्य जंगली जानवर खुलेआम सड़कों पर घूम रहे है। हरिद्वार भी लोग ऐसे जंगली जानवरों से बेहद परेशान है। यहां भी नेशनल हाईवे से लेकर गंगा किनारे कई बार गजराज आ धमकते है।