
CM धामी ने "गाँव से ग्लोबल तक होम स्टे संवाद" कार्यक्रम में प्रतिभाग किया, (फोटो साभार: X/@OfficeofDhami)
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार (21 अप्रैल 2025) को शासकीय आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में ‘‘गाँव से ग्लोबल तक होम स्टे’’ संवाद कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। “मुख्य सेवक संवाद” कार्यक्रम में सीएम धामी ने राज्यभर से आए होम स्टे संचालकों से बातचीत कर राज्य में होमस्टे को बढ़ावा देने के लिए उनके महत्वपूर्ण सुझाव लिए। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और गणेश जोशी भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में सीएम धामी ने अपने संबोधन में कहा, “हमारी सरकार प्रदेश में होम स्टे को बढ़ावा देने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। इस योजना के माध्यम से प्रदेश में न सिर्फ पर्यटन को नई पहचान मिल रही है बल्कि दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए आजीविका के नए साधन भी विकसित हो रहे हैं।”
हमारी सरकार प्रदेश में होम स्टे को बढ़ावा देने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। इस योजना के माध्यम से प्रदेश में न सिर्फ पर्यटन को नई पहचान मिल रही है बल्कि दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए आजीविका के नए साधन भी विकसित हो रहे हैं। pic.twitter.com/pzMH5LiiHP
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) April 21, 2025
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “हमारा प्रयास पर्यटन के माध्यम से प्रदेश में ग्राम विकास, महिला सशक्तिकरण और रोजगार के नए द्वार खोलना है। इस संवाद कार्यक्रम में जो सुझाव प्राप्त हुए हैं उन्हें आगामी नीतियों में अवश्य शामिल किया जाएगा।” उन्होंने कहा, कि राज्य सरकार द्वारा होम स्टे को तेजी से बढ़ावा दिया गया है। होम स्टे संचालक प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को ठहरने अच्छी सुविधा के साथ राज्य की संस्कृति, परंपरा, खानपान, पहनावे से भी अवगत करा रहे हैं।
उन्होंने कहा, कि उत्तराखंड की असली आत्मा गाँवों में बसती है। जहाँ प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध संस्कृति और पारंपरिक विरासत का अद्भुत संगम एक ही स्थान पर देखा जा सकता है। स्थानीय अर्थव्यवस्था और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने होमस्टे योजना की शुरुआत की थी। आज राज्य के दूरदराज गांवों में होमस्टे योजना अपनी एक अलग पहचान बना रही है।
सीएम धामी ने बताया, कि राज्य के पांच हजार से अधिक परिवारों ने इस योजना से जुड़कर अपने घरों के द्वार पर्यटकों के लिए खोले हैं। होम स्टे चलाने वाले सभी लोग राज्य के ब्रांड एंबेसडर हैं। उन्होंने कहा, कि राज्य में होम स्टे संचालकों द्वारा पारंपरिक व्यंजन को बढ़ावा देने के साथ ही राज्य की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए भी कार्य किया जा रहा है। इस पहचान को हमें गाँव से ग्लोबल तक पहुँचाना है।
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में आगे कहा, कि राज्य सरकार विभिन्न नीतियों और योजनाओं के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवथा को सशक्त बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। ‘एक जनपद, दो उत्पाद’ योजना के माध्यम से लोगों की आजीविका वृद्धि की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं। स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए राज्य में ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ ब्रांड की शुरुआत की गई है। स्टेट मिलेट मिशन से राज्य के मिलेट को देश में अलग पहचान भी मिल रही है।
सीएम धामी ने कहा, कि तीर्थाटन और पर्यटन राज्य की अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार है। राज्य में धार्मिक, साहसिक, ईको-टूरिज्म, वेलनेस टूरिज्म, एग्रो टूरिज्म और फिल्म पर्यटन जैसे विभिन्न क्षेत्रों को तेजी से बढ़ावा दिया गया है। केदारखंड की भांति मानसखंड कॉरिडोर योजना के अंतर्गत कुमाऊं क्षेत्र के धार्मिक स्थलों को विकसित किया जा रहा है। ऋषिकेश और हरिद्वार को योग और आध्यात्मिक केंद्रों के रूप में वैश्विक स्तर पर प्रमोट किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया, कि फिल्म शूटिंग के लिए सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम लागू किया गया है। उत्तराखंड में शूटिंग करने पर फिल्म निर्माताओं को विशेष सब्सिडी और अन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही है। इसी का परिणाम है, कि उत्तराखंड को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा हमारे चार गांवों जखोल, हर्षिल, गूंजी और सूपी को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।
“मुख्य सेवक संवाद” कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने अपने संबोधन में कहा, कि यह संवाद कार्यक्रम हमारे ग्रामीण पर्यटन की दिशा में एक नई सफलता का कदम जोड़ेगा। यह कार्यक्रम केवल एक संवाद ही नहीं, बल्कि हमारे गांवों की आत्मा को वैश्विक पहचान देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा, कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के विजन एवं मुख्यमंत्री धामी के विकास के मॉडल का भी एक मजबूत आधार है।
कैबिनेट मंत्री ने कहा, कि गांव से ग्लोबल की यह यात्रा तभी सफल होगी जब हम सब मिलकर इसे अपनाएं और इसे स्थाई पर्यटन की क्रांति में बदलें। पर्यटन विभाग द्वारा वर्ष 2024-25 में 317 (तीन सौ सतरह) होमस्टे संचालकों को वित्तीय और प्रबंधन प्रशिक्षण दिया गया है। वर्ष 2025-26 में सभी जनपदों में यह प्रशिक्षण लागू किया जाएगा। राज्य में एक समन्वित “स्टेट टास्क फोर्स“ का गठन किया गया है, जिसमें पर्यटन, पंचायती राज, ग्राम्य विकास और स्वास्थ्य विभाग शामिल हैं।