सांकेतिक चित्र
अल्मोड़ा जनपद स्थित गांव में नवजात बच्चे के असली पिता को लेकर उत्पन्न विवाद के बाद सास, बहु और बहु का कथित प्रेमी जागेश्वर धाम पहुंच गए, जहां जल पीने को लेकर जमकर कहासुनी हो गई। दरअसल, अल्मोड़ा के जागेश्वर धाम में एक परिवार नवजात शिशु के पितृत्व को लेकर हुए विवाद के कारण महामृत्युंजय मंदिर में भिड़ गया।
जानकारी के अनुसार, जागेश्वर धाम के शांत वातावरण में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब एक परिवार नवजात शिशु के पितृत्व का फैसला करवाने सीधे महामृत्युंजय मंदिर जा पहुंचा। इस दौरान सास और बहू के बीच तीखी बहस और आरोप-प्रत्यारोप के बाद विवाद इतना बढ़ गया, कि मंदिर परिसर अखाड़े में तब्दील हो गया।
बताया जा रहा है, कि परिवार में नवजात शिशु के पितृत्व को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा था। सास ने बहू पर आरोप लगाया, कि बच्चा उसके बेटे का नहीं बल्कि बहू के प्रेमी का है। सास ने दावा किया, कि उसने बहू को कई बार प्रेमी के साथ ‘आपत्तिजनक स्थिति’ में देखा है।
वहीं मामला उस वक्त और गंभीर हो गया, जब बहू का कथित प्रेमी भी मंदिर पहुंच गया। दूसरी तरफ, बहू ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे मनगढ़त कहानी बताया। उसने कहा, कि सच्चाई का पता केवल डीएनए परीक्षण से ही चल सकता है। देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ गया, कि मंदिर में मौजूद श्रद्धालु भी सकते में आ गए।
आरोप-प्रत्यारोप के दौर के बीच माहौल पूरी तरह तनावपूर्ण हो गया। बता दें, कि मंदिर में सत्य परीक्षण की परंपरा के अनुसार, महामृत्युंजय भगवान के समक्ष जल पीकर अपने पक्ष की सच्चाई सिद्ध की जाती है। सास ने भी बिना झिझक जल पीने की सहमति दे दी, लेकिन बहू ने अंतिम क्षण में कदम पीछे खींच लिया।
बहू का कहना था, कि अब सच केवल डीएनए टेस्ट ही बताएगा, मंदिर में जल पीने से नहीं। बताया जा रहा है, बहू के इस रुख से सास का गुस्सा भड़क गया, इसके बाद दोनों के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई।
इस दौरान कुछ श्रद्धालुओं ने बीच-बचाव करने की कोशिश भी की, मगर विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया, कि पुजारियों को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। पुजारियों ने दोनों पक्षों को सख्ती से समझाते हुए मंदिर परिसर से बाहर भेजा। जिसके बाद स्थिति सामान्य हो सकी।

