दिव्यांशी चौधरी, (फोटो साभार: X@newsnowlivee)
उत्तर प्रदेश से एक लुटेरी दुल्हन की चौंकाने वाली कहानी सामने आई है। कानपुर जिले के ग्वालटोली थाना पुलिस ने शादी के नाम पर ठगी करने की आरोपी दिव्यांशी को सोमवार की दोपहर गिरफ्तार कर लिया। यह महिला प्यार और शादी का झांसा देकर पहले दरोगा और बैंक मैनेजर जैसे लोगों से शादी करती, फिर फर्जी रेप केस लगाकर लाखों रुपये वसूलती थी।
पहले शादी फिर कानून को हथियार बनाकर पढ़े-लिखे, जिम्मेदार और सरकारी पदों पर बैठे अधिकारियों को लूटने वाली शातिर महिला का खुलासा उस वक्त हुआ, जब कानपुर में तैनात दारोगा ने अपने साथ फर्जी शादी करने वाली इस महिला की शिकायत दर्ज करवाई। इसके बाद मामलें में एसआईटी गठित की गई और पुलिस ने अपनी जाँच शुरू की।
बुलंदशहर के बीबीनगर निवासी आदित्य कुमार ने 17 फरवरी 2024 को मेरठ के बड़ा मवाना निवासी दिव्यांशी चौधरी से धूमधाम से विवाह किया था। आरोप है, कि शादी के बाद से दिव्यांशी ससुराल में नहीं रुकती थी। वह मायके में रहकर बीएड और सीटेट की तैयारी की बात कहती थी। वो ऑनलाइन रुपये मंगवाया करती थी, लेकिन ससुराल आने पर अपने सारे यूपीआई एप डिलीट कर देती थी।
पीड़ित के अनुसार, शादी के चार महीने बाद वह घर गए थे, तो उस वक्त दिव्यांशी भी घर में मौजूद थी। उन्होंने उसके हाथ से मोबाइल ले लिया। इस पर वह सक-पका गई। उसके मोबाइल पर यूपीआई के सारे एप डिलीट थे। दरोगा आदित्य कुमार ने शक होते ही चुपचाप उसकी सच्चाई की परतें खोलना शुरू किया और धीरे-धीरे लुटेरी दुल्हन का राज खुलता चला गया।
ग्वालटोली इंस्पेक्टर संतोष गौड़ ने बताया, कि शुरुआत में आरोपित महिला के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, लेकिन फिर एक साल की गुप्त जांच के बाद आखिरकार दिव्यांशी को कानपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। एसआईटी जांच में उसके अकाउंट से करोड़ों रुपये का लेन-देन मिला, जिसे पुलिस धोखाधड़ी और वसूली की कमाई मान रही है।
पुलिस के पास जो साक्ष्य हैं, उसके मुताबिक आरोपित महिला दो बैंक मैनेजर, दो पुलिस कर्मियों से शादी कर चुकी है। सभी पर आरोप लगाकर उनसे मोटी रकम वसूली है। डीसीपी सेंट्रल श्रवण कुमार सिंह ने बताया, कि आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसको मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, आरोपी के तरीके के आधार पर उसको लुटेरी दुल्हन की संज्ञा दी गई। वह पहले रीति-रिवाज से शादी करती है और दुष्कर्म का आरोप लगाकर FIR दर्ज करा देती थी। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद उससे वसूली करती थी।
बता दें, कि पिछले साल 25 नवंबर को कमिश्नरी कार्यालय में दिव्यांशी ने हाईवोल्टेज ड्रामा कर पति आदित्य पर परेशान करने और 14.50 लाख रुपये हड़पने का आरोप लगाया था। दिव्यांशी ने दावा किया था, कि पति के कई महिलाओं से संबंध हैं।
वह सोशल मीडिया पर दोस्ती कर युवतियों को अपने जाल में फंसाता है फिर उसकी वीडियो और फोटो के दम पर ब्लैकमेल करता है। शिकायत मिलने के बाद आदित्य कुमार ने पुलिस कमिश्नर के साथ-साथ अधिकारियों को अपनी पत्नी की पूरी हकीकत बताई।
जिसके बाद तत्कालीन पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने एडीसीपी महिला अपराध से मामले की जांच कराई थी। जांच शुरू होते ही दिव्यांशी गायब हो गई। पुलिस को जांच के दौरान पता चला, कि दिव्यांशी की दारोगा आदित्य कुमार से पहले प्रेमपाल सिंह से शादी हुई थी। उसने प्रेमपाल के खिलाफ भी रेप का मुकदमा लिखवाया था।
दरअसल, दिव्यांशी की जुर्म की कहानी मेरठ से शुरू होती है। जहां उसकी मुलाकात दारोगा प्रेमपाल सिंह पुष्कर से हुई। प्रेमपाल उसके व्यक्तित्व से प्रभावित हुआ और दोनों की नजदीकियां बढ़ने लगी। फिर एक दिन अचानक उन्होंने शादी कर ली, लेकिन शादी के कुछ महीनों बाद दिव्यांशी ने प्रेमपाल पर रेप के मामले का आरोप लगा दिया।
इस प्रकरण में केस दर्ज हुआ। प्रेमपाल ने एसआईटी को बताया, कि तनाव और जांच के बीच दिव्यांशी ने समझौते के नाम पर मोटी रकम लेकर केस को खत्म किया। कुछ ही महीनों में दिव्यांशी ने दो बैंक मैनेजरों आशीष राज और अमित गुप्ता से संपर्क बढ़ाया। फिर जब भरोसा पक्का हो गया, तो दोनों पर अचानक रेप का आरोप लगा दिया।
दोनों बैंक अधिकारियों ने नौकरी, समाज और परिवार के डर से चुपचाप पैसा देकर मामला खत्म करवाया। इस तरह दिव्यांशी को सफलता मिलती गई और हर नया शिकार उसके लिए एक नया कमाई का जरिया साबित हुआ। वहीं एसआईटी के हाथ लगे डिजिटल सबूत बताते हैं, कि मामला अभी पूरी तरह खुला नहीं है।
