
पीएम नरेंद्र मोदी ने चीन में SCO शिखर सम्मेलन को किया संबोधित (फोटो साभार: ANI)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को चीन में शंघाई सहयोग परिषद शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने दुनिया के सामने आतंकवाद का मुद्दा प्रमुखता से उठाते हुए पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र भी किया। उन्होंने आतंकवाद को मानवता के लिए एक साझा चुनौती बताया। यह बातें पीएम मोदी ने पाकिस्तान के वजीर-ए-आला शहबाज शरीफ की उपस्थिति में कही।
पीएम मोदी ने कहा, “पहलगाम में आतंकी हमला न केवल भारत पर हमला था, बल्कि मानवता में विश्वास करने वाले सभी देशों के लिए एक चुनौती थी। यह एक बड़ा सवाल उठाता है- क्या कोई देश जो आतंकवाद का खुलेआम समर्थन करता है, हमें स्वीकार करना चाहिए?”
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में आगे कहा, “हमें स्पष्ट कहना होगा, कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कोई दोहरा रवैया नहीं चलेगा।” पीएम मोदी ने आतंकी गतिविधियों के लिए की जाने वाली फंडिंग को सबसे बड़ी चिंता बताते हुए शंघाई सहयोग संगठन से जुड़े सभी देशों से आतंकवाद पर जीरो टोलरेंस नीति अपनाने की अपील की।
Sharing my remarks during the SCO Summit in Tianjin. https://t.co/nfrigReW8M
— Narendra Modi (@narendramodi) September 1, 2025
पीएम मोदी ने कहा, “भारत ने अल-कायदा जैसे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ लड़ाई में आगे बढ़कर काम किया है और हम आतंकवाद के लिए किसी भी तरह के फंडिंग का विरोध करते हैं।” पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “पहलगाम में आतंकवाद का बहुत ही बुरा रूप देखा। मैं उन सभी मित्र देशों का धन्यवाद करता हूँ जो हमारे साथ खड़े रहे।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमने अपने बच्चों को खोया है और कई बच्चे अनाथ हो गए हैं। भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद की समस्या का सामना कर रहा है।” पीएम मोदी ने आतंकवाद पर सभी देशों को आगाह करते हुए कहा, “आतंकवाद और उग्रवाद मानवता के लिए एक साझा चुनौती है। जब तक ये खतरे हैं, कोई भी देश या समाज सुरक्षित महसूस नहीं कर सकता।” उन्होंने कहा, कि सुरक्षा हर देश का अधिकार है।
शंघाई शिखर सम्मेलन (SCO) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के बाद सदस्य देशों द्वारा जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की सख्त शब्दों में निंदा करते हुए संयुक्त घोषणापत्र जारी किया गया। शिखर सम्मेलन में उपस्थित देशों ने भारत के इस रुख से सहमति जताई, कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में किसी तरह का ‘दोहरा मापदंड’ स्वीकार नहीं किया जा सकता।
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों ने मृतकों और घायलों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, कि ऐसे हमलों के दोषियों, आयोजकों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।
एससीओ शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की। सदस्य देशों ने आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया, कि इन खतरों का निजी या स्वार्थपूर्ण उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जाना पूरी तरह अस्वीकार्य है।
एससीओ ने आतंकवाद, अलगाववाद और चरमपंथ के खिलाफ अपनी मजबूत प्रतिबद्धता दोहराई। घोषणापत्र में कहा गया, कि सदस्य देश मानते हैं कि आतंकवाद और चरमपंथ के खतरों से निपटने में संप्रभु देशों और उनकी सक्षम एजेंसियों की भूमिका सबसे अहम है। साथ ही, वे अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील करते हैं, कि वह आतंकवाद से मिलकर लड़े, जिसमें सीमापार आतंकियों की आवाजाही भी शामिल है।